पीपलकोटी (चमोली)। एक छात्र की खुदकुशी के बाद नवोदय विद्यालय के छात्र गमजदा हैं। सोमवार शाम को छात्र जल्दी ही छात्रावास में सोने के लिए चले गए थे। आज उनके बीच शरारतें, चुहलबाजियां, हंसी-मजाक गायब था। बच्चों की मनोदशा को देखते हुए विद्यालय प्रशासन उन पर नजर रखे था। यही वजह थी कि विद्यालय स्टाफ भी बच्चों के साथ रहा। चौकीदार को भी छात्रों के बीच सुलाया गया। इस बीच घटना की जांच के लिए नवोदय विद्यालय पौड़ी और रुद्रप्रयाग के प्राचार्य भी यहां पहुंच गए।
साथी छात्र के बिछड़ने का गम अन्य छात्रों के चेहरों पर साफ पढ़ा जा सकता था। ज्यादातर समय बच्चे चुपचाप ही थे। उनके बीच बस अगर कोई खुसुर-पुसुर होती तो यही कि सचिन ने आखिर ऐसा कदम क्यों उठाया। प्राचार्य ने बतायसा कि छात्रों की मनोदशा को देखते हुए स्टाफ को बच्चों के साथ सोने के लिए कहा गया। छात्रावास में 255 छात्र रहते हैं। 12 वीं के छात्र शुभम सूरी ने बताया कि दोस्त के बिछड़ने का गम तो सता रहा है। रात में हमारे सर भी साथ में सोये थे, इसलिए कोई डर नहीं लगा।
सचिन को पेट में दर्द की शिकायत भी थी
सचिन को अक्सर पेट दर्द की शिकायत रहती थी। पेट दर्द होने पर उसे पहले भी विद्यालय प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती किया था। प्राचार्य मोहर सिंह बताते हैं कि सचिन ने कभी किसी छात्र से अपना दुख साझा नहीं किया। उसे कौन सी परेशानी थी, उसने कभी कुछ नहीं बताया। आज सचिन हमारे बीच नहीं है। लेकिन उसकी यादें हमेशा हमारे बीच रहेंगी।
दूसरे शनिवार को मिलते हैं अभिभावक
नवोदय विद्यालय में बच्चों को मिलने के लिए अभिभावकों को माह के दूसरे सप्ताह का शनिवार तय है। यदि जरूरी हो तो अभिभावक माह में दो-तीन बार भी बच्चों से मिल सकते हैं। विद्यालय में वार्डन प्रति माह बच्चों की काउंसलिंग करते हैं।
हैगिंग से हुई सचिन की मौत
पीएम रिपोर्ट में सचिन की मौत हैगिंग से हुई बताया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना से जुडे़ कोई अन्य तथ्य तो नहीं हैं, जो मौत का कारण बने हाें। - पीएस चौहान, थानाध्यक्ष, चमोली।
अलकनंदा के तट पर हुआ अंतिम संस्कार
गोपेश्वर। जवाहर नवोदय विद्यालय पीपलकोटी में खुदकुशी करने वाले 11वीं के छात्र का चमोली में अलकनंदा नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया है। रुद्रप्रयाग के त्यूंखर गांव के ग्रामीणों ने जिला अस्पताल गोपेश्वर में पोस्ट मार्टम के पश्चात शव को सोमवार रात्रि को ही अलकनंदा नदी के तट पर लाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।