पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
बागेश्वर। बाढ़ और जलभराव के मामले में सर्वाधिक संवेदनशील बस्तियों में मंडलसेरा का जीतनगर भी शामिल है। वर्षों पुरानी इस समस्या का अभी तक निदान नहीं हो सका है। सरयू और नालों के कारण कम से कम दो दर्जन भवनों को खतरा है। इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कार्य योजना की जरूरत है।
मंडलसेरा में लगातार हो रहे निर्माणों के कारण तमाम तरह समस्याएं बनी हैं। इनमें जल भराव की समस्या विकट रूप ले चुकी है। यह गांव नगर पंचायत से बाहर है। क्षेत्र में कुल छह बरसाती नाले गुजरते हैं। यह नाले ग्रीष्मकाल और शीतकाल में सूखे रहते हैं। बारिश के मौसम में इनमें उफान के कारण इस बस्ती को खतरा पैदा हो जाता है। नालों की निकासी बंद हो जाने के कारण यह समस्या बढ़ती जा रही है। बारिश का पानी बस्ती में इधर-उधर घुस जाता है। इस बार भी उफनता पानी घरों के अंदर घुस रहा है। इसके अलावा सरयू से भी भूकटाव हो रहा है। जीतनगर वासियों ने बताया कि सरयू की बाढ़ से भूकटाव होने के कारण पिछली बारिश में चार मकानों को क्षति पहुंची थी, इस बार भी एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार मंडलसेरा में नदी किनारे दीवार और तटबंध बनाने के साथ ही ऊपर से आने वाले नालों को भी निकासी का स्थान देने की आवश्यकता है। ग्राम प्रधान रमा मलड़ा ने बताया कि दैवीय आपदा मद से 13 लाख रुपये मिले हैं। नालों की निकासी का प्रस्ताव जिला योजना में रखा गया है।
बागेश्वर। बाढ़ और जलभराव के मामले में सर्वाधिक संवेदनशील बस्तियों में मंडलसेरा का जीतनगर भी शामिल है। वर्षों पुरानी इस समस्या का अभी तक निदान नहीं हो सका है। सरयू और नालों के कारण कम से कम दो दर्जन भवनों को खतरा है। इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कार्य योजना की जरूरत है।
मंडलसेरा में लगातार हो रहे निर्माणों के कारण तमाम तरह समस्याएं बनी हैं। इनमें जल भराव की समस्या विकट रूप ले चुकी है। यह गांव नगर पंचायत से बाहर है। क्षेत्र में कुल छह बरसाती नाले गुजरते हैं। यह नाले ग्रीष्मकाल और शीतकाल में सूखे रहते हैं। बारिश के मौसम में इनमें उफान के कारण इस बस्ती को खतरा पैदा हो जाता है। नालों की निकासी बंद हो जाने के कारण यह समस्या बढ़ती जा रही है। बारिश का पानी बस्ती में इधर-उधर घुस जाता है। इस बार भी उफनता पानी घरों के अंदर घुस रहा है। इसके अलावा सरयू से भी भूकटाव हो रहा है। जीतनगर वासियों ने बताया कि सरयू की बाढ़ से भूकटाव होने के कारण पिछली बारिश में चार मकानों को क्षति पहुंची थी, इस बार भी एक मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार मंडलसेरा में नदी किनारे दीवार और तटबंध बनाने के साथ ही ऊपर से आने वाले नालों को भी निकासी का स्थान देने की आवश्यकता है। ग्राम प्रधान रमा मलड़ा ने बताया कि दैवीय आपदा मद से 13 लाख रुपये मिले हैं। नालों की निकासी का प्रस्ताव जिला योजना में रखा गया है।