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बागेश्वर। कौसानी के सीडूगौरी गांव निवासी सेना की सिगनल कोर, चंडीगढ़ के हवलदार केदार सिंह का बीमारी के कारण देहांत हो गया। पैतृक गांव में परिजनों ने अंतिम दर्शन किए। बृहस्पतिवार सुबह यहां सरयू घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
सीडूगौरी गांव निवासी स्व. हयात सिंह के पुत्र 40 वर्षीय हवलदार केदार सिंह सेना की सिगनल कोर में चंडीगढ़ में तैनात थे। कुछ समय पहले स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें सेना के दिल्ली स्थित अस्पताल में भर्ती किया गया। दो दिन पहले उनका देहांत हो गया। दिल्ली से पार्थिव शरीर को लेकर सेना के जवान बृहस्पतिवार सुबह यहां पहुंचे। ताबूत घर पर पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया। हवलदार केदार अपने पीछे मां कलावती देवी, पत्नी तारा देवी,11 वर्षीय पुत्र दीपक और 7 वर्षीया पुत्री ज्योति को छोड़ गए हैं। मां और पत्नी सदमे में हैं। पार्थिव देह का बृहस्पतिवार सुबह यहां सरयू किनारे श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। सेना की टुकड़ी ने शस्त्र उलटकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जिला पंचायत सदस्य बबलू नेगी सहित कई लोगों ने पुष्प चक्र चढ़ाए। इस अवसर पर बचे सिंह, खड़क सिंह आदि उपस्थित थे।
बागेश्वर। कौसानी के सीडूगौरी गांव निवासी सेना की सिगनल कोर, चंडीगढ़ के हवलदार केदार सिंह का बीमारी के कारण देहांत हो गया। पैतृक गांव में परिजनों ने अंतिम दर्शन किए। बृहस्पतिवार सुबह यहां सरयू घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
सीडूगौरी गांव निवासी स्व. हयात सिंह के पुत्र 40 वर्षीय हवलदार केदार सिंह सेना की सिगनल कोर में चंडीगढ़ में तैनात थे। कुछ समय पहले स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें सेना के दिल्ली स्थित अस्पताल में भर्ती किया गया। दो दिन पहले उनका देहांत हो गया। दिल्ली से पार्थिव शरीर को लेकर सेना के जवान बृहस्पतिवार सुबह यहां पहुंचे। ताबूत घर पर पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया। हवलदार केदार अपने पीछे मां कलावती देवी, पत्नी तारा देवी,11 वर्षीय पुत्र दीपक और 7 वर्षीया पुत्री ज्योति को छोड़ गए हैं। मां और पत्नी सदमे में हैं। पार्थिव देह का बृहस्पतिवार सुबह यहां सरयू किनारे श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। सेना की टुकड़ी ने शस्त्र उलटकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जिला पंचायत सदस्य बबलू नेगी सहित कई लोगों ने पुष्प चक्र चढ़ाए। इस अवसर पर बचे सिंह, खड़क सिंह आदि उपस्थित थे।