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सरला वन में भड़की दावाग्नि
Bageshwar
Updated Mon, 04 Jun 2012 12:00 PM IST
गरुड़/कौसानी। लक्ष्मी आश्रम से लगे चीड़ के सरला जंगल में आग भड़क उठी। जिस समय रहते आश्रम की छात्राओं तथा महिला मंगल दल छानी-ल्वेशाल की महिलाओं ने बुझा कर बड़ी हानि होने से रोक दिया। वहीं,
बागेश्वर वन प्रभाग के गढ़खेत और वज्यूला के जंगलों में लगी आग काबू से बाहर हो गई है। चार दिनों से लगी आग बुझाने में वन महकमा सफल नहीं हो सका है। जंगल की आग आबादी में आने मजकोट में एक मकान, छह घास के ढेर जलकर राख हो गए है। जबकि अणां में जंगल में घास चुगने गया एक बैल आग से जलकर मर गया है।
वन क्षेत्र बैजनाथ के अणां, लोहारचौरा, नौघर, देवनाई, पिनाकेश्वर गैरलेख, फल्याटी, धैना, सिलंगवाड़ी, दुदिला, डोबा नौघर के जंगलों में लगी आग बुझाने में वन विभाग तथा ग्रामीण असफल साबित हुए है। आग से हजारों की वन संपदा जलकर राख हो गई है। जंगल की आग आबादी की ओर बढ़ने से ग्रामीणों में भय बना हुआ है। गांवों में लोग रात-रात भर पहरा दे रहेे हैं। अणां के जंगलों में भीषण आग लगने से दौलत सिंह का एक बैल जंगल में जलकर राख हो गया है। जंगल की आग आबादी में आने से राजेंद्र सिंह किरमोलिया के दो घास के जुटे जलकर राख हो गए है। उधर, गोमती घाटी के मजकोट गांव में जंगल में लगी आग आबादी में आने से पानुली देवी का नव निर्मित इदिंरा आवास जलकर राख हो गया है। इसी गांव में आग से लछम सिंह, पूरन सिंह के छह घास के ढेर जलकर राख हो गए है। उधर, लक्ष्मी आश्रम के पास लगे चीड़ के जंगल में रविवार के अपराह्न भीषण आग लग गयी। आग लगने की सूचना मिलते ही आश्रम की बिमला बहन, तारा, सुमन, ग्राम प्रधान जानकी देवी, महिला मंगल दल की अध्यक्ष दीपा, पूजा, शोभा महरानी बाल्टी तथा कनस्तरों से पानी लेकर जंगल गयी। भारी मश्क्कत के बाद उन्होंने आग बुझायी। जबकि अन्य क्षेत्रों में वनों में लगी आग अभी तक बुझी नहीं है। वन क्षेत्राधिकारी गढ़खेत हरीश खर्कवाल ने बताया कि वन कमी तथा ग्रामीण आग बुझाने में लगे है। उन्होंने बताया कि तपिश बढ़ने तथा वनों में रिकार्ड पिरुल गिरने से आग नियंत्रित नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि आग बुझाने के लिए विभाग के पास किसी प्रकार के संसाधन नहीं है। दैनिक मजदूरी पर रखे मजदूरों का दो माह से विभाग मजदूरी का भुगतान नहीं कर पाया है। उन्होंने ग्रामीणों से विभाग को सहयोग देने को कहा है।
गरुड़/कौसानी। लक्ष्मी आश्रम से लगे चीड़ के सरला जंगल में आग भड़क उठी। जिस समय रहते आश्रम की छात्राओं तथा महिला मंगल दल छानी-ल्वेशाल की महिलाओं ने बुझा कर बड़ी हानि होने से रोक दिया। वहीं,
बागेश्वर वन प्रभाग के गढ़खेत और वज्यूला के जंगलों में लगी आग काबू से बाहर हो गई है। चार दिनों से लगी आग बुझाने में वन महकमा सफल नहीं हो सका है। जंगल की आग आबादी में आने मजकोट में एक मकान, छह घास के ढेर जलकर राख हो गए है। जबकि अणां में जंगल में घास चुगने गया एक बैल आग से जलकर मर गया है।
वन क्षेत्र बैजनाथ के अणां, लोहारचौरा, नौघर, देवनाई, पिनाकेश्वर गैरलेख, फल्याटी, धैना, सिलंगवाड़ी, दुदिला, डोबा नौघर के जंगलों में लगी आग बुझाने में वन विभाग तथा ग्रामीण असफल साबित हुए है। आग से हजारों की वन संपदा जलकर राख हो गई है। जंगल की आग आबादी की ओर बढ़ने से ग्रामीणों में भय बना हुआ है। गांवों में लोग रात-रात भर पहरा दे रहेे हैं। अणां के जंगलों में भीषण आग लगने से दौलत सिंह का एक बैल जंगल में जलकर राख हो गया है। जंगल की आग आबादी में आने से राजेंद्र सिंह किरमोलिया के दो घास के जुटे जलकर राख हो गए है। उधर, गोमती घाटी के मजकोट गांव में जंगल में लगी आग आबादी में आने से पानुली देवी का नव निर्मित इदिंरा आवास जलकर राख हो गया है। इसी गांव में आग से लछम सिंह, पूरन सिंह के छह घास के ढेर जलकर राख हो गए है। उधर, लक्ष्मी आश्रम के पास लगे चीड़ के जंगल में रविवार के अपराह्न भीषण आग लग गयी। आग लगने की सूचना मिलते ही आश्रम की बिमला बहन, तारा, सुमन, ग्राम प्रधान जानकी देवी, महिला मंगल दल की अध्यक्ष दीपा, पूजा, शोभा महरानी बाल्टी तथा कनस्तरों से पानी लेकर जंगल गयी। भारी मश्क्कत के बाद उन्होंने आग बुझायी। जबकि अन्य क्षेत्रों में वनों में लगी आग अभी तक बुझी नहीं है। वन क्षेत्राधिकारी गढ़खेत हरीश खर्कवाल ने बताया कि वन कमी तथा ग्रामीण आग बुझाने में लगे है। उन्होंने बताया कि तपिश बढ़ने तथा वनों में रिकार्ड पिरुल गिरने से आग नियंत्रित नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि आग बुझाने के लिए विभाग के पास किसी प्रकार के संसाधन नहीं है। दैनिक मजदूरी पर रखे मजदूरों का दो माह से विभाग मजदूरी का भुगतान नहीं कर पाया है। उन्होंने ग्रामीणों से विभाग को सहयोग देने को कहा है।