अमरोहा। प्रसव के समय जच्चा बच्चा की मौत को लेकर आए दिन सुर्खियाें में रहने वाला शहर सीएचसी पर व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। दिन ब दिन स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हो रही हैं। बीती रात प्रसव पीड़ा से कराहती गर्भवती को रेफर स्लिप थमाकर बैरंग लौटा दिय गया। अफसोस कीबात यह है कि गर्भवती आधा घंटे तक अस्पताल में तड़पती रही, लेकिन यहां के लोगों का दिल नहीं पसीजा। हालांकि बाद में महकमेे के अफसरों ने सीजेरियन केस होने का जवाब देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
शहर निवासी यासीन की पत्नी हसीना को बीता रात प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिजन हसीना को शहर सीएचसी पर लेकर पहुंचे। अस्पताल में सन्नाटा था। परिजनों के जगाने के बाद कर्मी हड़बड़ा कर उठे। परिजनों ने कर्मियों से महिला को अस्पताल में भर्ती करने को कहा, लेकिन स्टाफ ने अस्पताल में महिला डाक्टर और स्टाफ नर्स न होने की बात कह महिला को भर्ती करने से इंकार कर दिया। इससे नाराज होकर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, लेकिन अस्पताल के लोगों का दिल नहीं पसीजा। मामला बढ़ने पर महिला को प्राथमिक उपचार दिए बिना ही सीजेरियन डिलीवरी की बात कहकर रेफर स्लिप परिजनों को थमा दी। परिजन मायूस होकर महिला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उधर इस मामले में सीएचसी प्रभारी डा. अशोक कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
मामले की जांच कराई जाएगी।