अमरोहा। एलपीजी टैंकर चालक संघ की हड़ताल के कारण जनपद में गैस की किल्लत उत्पन्न हो गई है। टैंकर चालकों की हड़ताल शुक्रवार को जारी रही। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
बताते चलें कि बुधवार की सुबह से भारतीय एलपीजी टैंकर चालक संघ न्यूनतम वेतनमान की मांग को हड़ताल पर हैं। नतीजतन जिले में गैस आपूर्ति प्रभावित हो गई। हड़ताल के कारण सप्लाई नहीं आ रही। शुक्रवार को भी सिलेंडर न मिलने से उपभोक्ताओें को खासी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रहने से उपभोक्ताओं को गैस नहीं मिल पाई। उपभोक्ताओं को गैस गोदाम से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। वहीं, गैस न होने से गोदामों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। उधर एलपीजी टैंकर चालक संघ ने स्पष्ट कर दिया, कि न्यूनतम वेतन की मांग पूरी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी। सिलेंडर में गैस कम निकलने की बात को टैंकर चालकों ने सिरे से खारिज कर दिया। नुकसान की भरपाई हरगिज नहीं करेंगे।
जनपद में दस गैस एजेंसियां हैं। जिसमें इंडेन की सात एक भारत तथा दो एचपी की गैस एजेंसी हैं। टैंकर चालकों की हड़ताल से सबसे ज्यादा असर इंडेन गैस उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
कुल उपभोक्ता-1 लाख
प्रति दिन गैस सिलेेंडरों की आवश्यकता-400 से 450
मिल रही-300 से 350
अमरोहा। एलपीजी टैंकर चालक संघ की हड़ताल के कारण जनपद में गैस की किल्लत उत्पन्न हो गई है। टैंकर चालकों की हड़ताल शुक्रवार को जारी रही। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
बताते चलें कि बुधवार की सुबह से भारतीय एलपीजी टैंकर चालक संघ न्यूनतम वेतनमान की मांग को हड़ताल पर हैं। नतीजतन जिले में गैस आपूर्ति प्रभावित हो गई। हड़ताल के कारण सप्लाई नहीं आ रही। शुक्रवार को भी सिलेंडर न मिलने से उपभोक्ताओें को खासी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रहने से उपभोक्ताओं को गैस नहीं मिल पाई। उपभोक्ताओं को गैस गोदाम से खाली हाथ ही लौटना पड़ा। वहीं, गैस न होने से गोदामों पर भी सन्नाटा पसरा रहा। उधर एलपीजी टैंकर चालक संघ ने स्पष्ट कर दिया, कि न्यूनतम वेतन की मांग पूरी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी। सिलेंडर में गैस कम निकलने की बात को टैंकर चालकों ने सिरे से खारिज कर दिया। नुकसान की भरपाई हरगिज नहीं करेंगे।
जनपद में दस गैस एजेंसियां हैं। जिसमें इंडेन की सात एक भारत तथा दो एचपी की गैस एजेंसी हैं। टैंकर चालकों की हड़ताल से सबसे ज्यादा असर इंडेन गैस उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
कुल उपभोक्ता-1 लाख
प्रति दिन गैस सिलेेंडरों की आवश्यकता-400 से 450
मिल रही-300 से 350