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नौगावां सादात। शादीशुदा फौजी को छात्रा से दिल्लगी काफी महंगी पड़ी। तीन साल तक प्रेमजाल में फंसाए रखने के बाद फरेब पर पंचायत में पांच जूते और पचास हजार रुपए हर्जाने की सजा सुनाई गई। फैसले को लेकर क्षेत्र में दिनभर चर्चाएं सरगर्म रहीं। वहीं, थाना पुलिस ने मामले के संज्ञान में होने से इंकार किया है।
नौगावां थानांतर्गत एक गांव के युवक की सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ में तैनाती है। शादीशुदा होने के बावजूद उसका गांव की ही एक छात्रा से करीब तीन साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। कई बार दोनों मिलते जुलते रंगेहाथ पकड़े गए। लेकिन, विवाद के तूल पकड़ने पर परिवारों के बीच हर बार फैसला कर दिया गया।
हंगामों के बावजूद सिर से इश्क का खुमार नहीं उतरा। छात्रा को दूसरी शादी का झांसा देकर फौजी गुमराह करता रहा। करीब पंद्रह दिन पूर्व मसले को लेकर दोनों परिवार आमने-सामने आ गए। विवाद के पुलिस तक पहुंचने की नौबत पर पंचायत में निपटारे की तारीख तय कर दी गई।
रविवार को गांव में पंचायत में जुटी। दोनों पक्ष में झड़पों से माहौल गरम हो गया। पंचों ने फौजी के पांच जूते मारने के साथ ही छात्रा को पचास हजार रुपए अदा करने का फैसला सुनाकर बिगड़ती बात बनाई। फिर, छात्रा के पिता ने फौजी को सजा दी।
नौगावां सादात। शादीशुदा फौजी को छात्रा से दिल्लगी काफी महंगी पड़ी। तीन साल तक प्रेमजाल में फंसाए रखने के बाद फरेब पर पंचायत में पांच जूते और पचास हजार रुपए हर्जाने की सजा सुनाई गई। फैसले को लेकर क्षेत्र में दिनभर चर्चाएं सरगर्म रहीं। वहीं, थाना पुलिस ने मामले के संज्ञान में होने से इंकार किया है।
नौगावां थानांतर्गत एक गांव के युवक की सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ में तैनाती है। शादीशुदा होने के बावजूद उसका गांव की ही एक छात्रा से करीब तीन साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। कई बार दोनों मिलते जुलते रंगेहाथ पकड़े गए। लेकिन, विवाद के तूल पकड़ने पर परिवारों के बीच हर बार फैसला कर दिया गया।
हंगामों के बावजूद सिर से इश्क का खुमार नहीं उतरा। छात्रा को दूसरी शादी का झांसा देकर फौजी गुमराह करता रहा। करीब पंद्रह दिन पूर्व मसले को लेकर दोनों परिवार आमने-सामने आ गए। विवाद के पुलिस तक पहुंचने की नौबत पर पंचायत में निपटारे की तारीख तय कर दी गई।
रविवार को गांव में पंचायत में जुटी। दोनों पक्ष में झड़पों से माहौल गरम हो गया। पंचों ने फौजी के पांच जूते मारने के साथ ही छात्रा को पचास हजार रुपए अदा करने का फैसला सुनाकर बिगड़ती बात बनाई। फिर, छात्रा के पिता ने फौजी को सजा दी।