अमरोहा। चुनाव आयोग और शासन की लाख कोशिश के बाद भी मतदाता सूची ठीक नहीं हो पा रही है। बीएलओ की लापरवाही के चलते सूची में सैकड़ों मतदाताओं के दो-दो बार नाम हैं। इतना ही नहीं जीवित व्यक्ति को मृत दिखा सूची से नाम काट दिया गया है। पहचान पत्र भी दो-दो बना दिए गए हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान चलाने का फरमान जारी किया था। करीब छह माह से बूथों पर बीएलओ द्वारा नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, गलतियां सुधारने का काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं इन दिनों देशभर में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद इसके सूची का अंतिम प्रकाशन करने पर लाख खामियां पाई गई। सैकड़ों मतदाताओं के नाम एक ही सूची में डबल पाए गए। फोटो पहचान पत्र भी दो-दो बना दिए गए। बीएलओ की लापरवाही के चलते जीवित व्यक्ति को मृत दिखा नाम काट दिया गया। यह हाल तो तब है जब पूरा का पूरा प्रशासनिक अमला इस अभियान पर नजर रखे हुए था। वहीं इस अभियान में शिक्षकों को लगाया गया था। जिसके कारण पढ़ाई तो प्रभावित हुई साथ ही अभियान का उद्देश्य भी पूरा न हो सका। मतदाता सूची में खामियां ही खामियां हैं।
अमरोहा। चुनाव आयोग और शासन की लाख कोशिश के बाद भी मतदाता सूची ठीक नहीं हो पा रही है। बीएलओ की लापरवाही के चलते सूची में सैकड़ों मतदाताओं के दो-दो बार नाम हैं। इतना ही नहीं जीवित व्यक्ति को मृत दिखा सूची से नाम काट दिया गया है। पहचान पत्र भी दो-दो बना दिए गए हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान चलाने का फरमान जारी किया था। करीब छह माह से बूथों पर बीएलओ द्वारा नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, गलतियां सुधारने का काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं इन दिनों देशभर में मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद इसके सूची का अंतिम प्रकाशन करने पर लाख खामियां पाई गई। सैकड़ों मतदाताओं के नाम एक ही सूची में डबल पाए गए। फोटो पहचान पत्र भी दो-दो बना दिए गए। बीएलओ की लापरवाही के चलते जीवित व्यक्ति को मृत दिखा नाम काट दिया गया। यह हाल तो तब है जब पूरा का पूरा प्रशासनिक अमला इस अभियान पर नजर रखे हुए था। वहीं इस अभियान में शिक्षकों को लगाया गया था। जिसके कारण पढ़ाई तो प्रभावित हुई साथ ही अभियान का उद्देश्य भी पूरा न हो सका। मतदाता सूची में खामियां ही खामियां हैं।