ताड़ीखेत (अल्मोड़ा)। बद्रीनाथ तीर्थ धाम को जोड़ने वाले सबसे पुराने रामनगर मोटर मार्ग की बदहाली नेताओं और अधिकारियों को नहीं दिखाई दे रही। आए दिन यह लोग इस क्षतिग्रस्त मार्ग से होकर गुजरते हैं। बता दें कि कुछ लोगों के निजी स्वार्थ और विभाग की लापरवाही के कारण ताड़ीखेत के पास यह मोटर मार्ग लंबे समय से दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है और श्रद्धालु कड़वे अनुभव लेकर लौट रहे हैं।
- क्या कहते हैं ताड़ीखेत कसबे के लोग:-
- ताड़ीखेत निवासी पूर्व प्रधान डुंगर सिंह रावत का कहना है कि इस मोटर मार्ग का डामरीकरण 1942 में हुआ था। बद्रीनाथ तीर्थधाम को भी श्रद्धालु इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मार्ग की हालत बेहद खराब है। खंडाखाल मोड़ पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन विभाग को इससे कोई सरोकार नहीं है।
- युवा व्यवसायी दिगपाल सिंह खाती ने कहा कि बदहाल मार्ग से गुजरना स्थानीय लोगों की तकदीर बन चुकी है। आए दिन इस मार्ग से अधिकारी और नेता गुजरते हैं, लेकिन इसे ठीक कराने के लिए कोई भी इच्छाशक्ति नहीं दिखाता। दूसरी तरफ इस स्थान पर पूर्व में स्कपर था, जो अब पूरी तरह से बंद हो चुका है।
- ताड़ीखेत के वरिष्ठ व्यवसायी उमेश चंद्र सिंह ने कहा कि मार्ग बदहाल होने के कारण श्रद्धालु भी कड़वे अनुभव लेकर लौट रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। निकास नालियां नहीं बनाई गई हैं, बरसात का पानी मार्ग पर बहता है, जिस कारण मार्ग आए दिन क्षतिग्रस्त हो रहा है।
- आशु भगत का कहना है कि लोगों को मार्ग के बारे में बताने में भी संकोच हो रहा है। खंडाखाल पर सड़क किनारे कूड़ा फैला रहता है। निकास नालियां चोक होने के कारण गंदगी पसरी है। विभागीय अधिकारियों को कई बार इसकी सूचना दी गई, लेकिन मार्ग आज तक ठीक नहीं हुआ है।
- लोनिवि प्रांतीय खंड के अवर अभियंता नीरज रावत का कहना है कि बंद कलमठ के ठीक नीचे मकान बना दिए गए हैं, जिस कारण पानी की निकासी रुक गई है। एडीबी ने रामनगर से पैच भरने का कार्य शुरू किया है। एडीबी से ही मार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने के लिए पत्र भेजे गए हैं।
ताड़ीखेत (अल्मोड़ा)। बद्रीनाथ तीर्थ धाम को जोड़ने वाले सबसे पुराने रामनगर मोटर मार्ग की बदहाली नेताओं और अधिकारियों को नहीं दिखाई दे रही। आए दिन यह लोग इस क्षतिग्रस्त मार्ग से होकर गुजरते हैं। बता दें कि कुछ लोगों के निजी स्वार्थ और विभाग की लापरवाही के कारण ताड़ीखेत के पास यह मोटर मार्ग लंबे समय से दुर्घटनाओं को दावत दे रहा है और श्रद्धालु कड़वे अनुभव लेकर लौट रहे हैं।
- क्या कहते हैं ताड़ीखेत कसबे के लोग:-
- ताड़ीखेत निवासी पूर्व प्रधान डुंगर सिंह रावत का कहना है कि इस मोटर मार्ग का डामरीकरण 1942 में हुआ था। बद्रीनाथ तीर्थधाम को भी श्रद्धालु इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मार्ग की हालत बेहद खराब है। खंडाखाल मोड़ पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन विभाग को इससे कोई सरोकार नहीं है।
- युवा व्यवसायी दिगपाल सिंह खाती ने कहा कि बदहाल मार्ग से गुजरना स्थानीय लोगों की तकदीर बन चुकी है। आए दिन इस मार्ग से अधिकारी और नेता गुजरते हैं, लेकिन इसे ठीक कराने के लिए कोई भी इच्छाशक्ति नहीं दिखाता। दूसरी तरफ इस स्थान पर पूर्व में स्कपर था, जो अब पूरी तरह से बंद हो चुका है।
- ताड़ीखेत के वरिष्ठ व्यवसायी उमेश चंद्र सिंह ने कहा कि मार्ग बदहाल होने के कारण श्रद्धालु भी कड़वे अनुभव लेकर लौट रहे हैं। विभागीय अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। निकास नालियां नहीं बनाई गई हैं, बरसात का पानी मार्ग पर बहता है, जिस कारण मार्ग आए दिन क्षतिग्रस्त हो रहा है।
- आशु भगत का कहना है कि लोगों को मार्ग के बारे में बताने में भी संकोच हो रहा है। खंडाखाल पर सड़क किनारे कूड़ा फैला रहता है। निकास नालियां चोक होने के कारण गंदगी पसरी है। विभागीय अधिकारियों को कई बार इसकी सूचना दी गई, लेकिन मार्ग आज तक ठीक नहीं हुआ है।
- लोनिवि प्रांतीय खंड के अवर अभियंता नीरज रावत का कहना है कि बंद कलमठ के ठीक नीचे मकान बना दिए गए हैं, जिस कारण पानी की निकासी रुक गई है। एडीबी ने रामनगर से पैच भरने का कार्य शुरू किया है। एडीबी से ही मार्ग के क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने के लिए पत्र भेजे गए हैं।