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जैंती (अल्मोड़ा)। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवान सिंह धानक का 97वां जन्म दिन उनके पैतृक गांव बरम चौकुना में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आजादी की लड़ाई में स्व. धानक का अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
वक्ताओं ने कहा कि आजादी के छह दशक बाद भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवान सिंह धानक का गांव बरम चौकुना मोटर मार्ग से नहीं जुड़ सका है। एक तरफ सरकार शहीदों के गांवों को सम्मान देने की बात कहती हैं वही दूसरी तरफ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गावों की उपेक्षा की जा रही है। बरम चौकुना में सड़क नहीं पहुंचने से ग्रामीणों को आज भी पांच किमी पैदल चलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में स्व. धानक का अहम योगदान रहा है। उनके गांव को शीघ्र सड़क से जोड़ा जाना चाहिए।
इससे पूर्व स्व. धानक के चित्र पर माल्यार्पण पर उन्हें याद किया गया। अध्यक्षता धरम सिंह ने तथा संचालन गंगा सिंह ने किया। इस मौके पर जीत सिंह धानक, नैन सिंह, खड़क सिंह, मोहन सिंह, पान सिंह, देव सिंह, जगत सिंह, राम सिंह, बची राम, चंदन राम, केशर सिंह, जीत सिंह आदि मौजूद थे।