अल्मोड़ा। रानीखेत तहसील के सिंवाली, कालून-देेहोली में दैवीय आपदा मरम्मत कार्यों में गंभीर शिकायत सामने आई है। मौके पर केवल 68 हजार रुपयों का काम हुआ और ठेकेदार को विभाग ने साढ़े तीन लाख रुपये का भुगतान कर दिया। जिलाधिकारी ने मामलों को गंभीरता से लेते हुए वसूली के साथ ही एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं।
ग्रामीणों ने मरम्मत कार्य में गड़बड़ी से संबंधित शिकायती पत्र जिलाधिकारी को भेजा था। चौबटिया-नागपानी रोड सड़क की मरम्मत के लिए वन विभाग ने कार्य करवाया। जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता ने उपजिलाधिकारी, लोनिवि के अपर सहायक अभियंता, नायब तहसीलदार की संयुक्त टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। जांच के बाद मालूम हुआ कि मौके पर मात्र 68905 रुपये का कार्य हुआ जबकि ठेकेदार को 355600 का पूरा भुगतान कर दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि मामले साफ तौर पर स्वीकृत धनराशि के व्यय में अनियमितता, खराब गुणवत्ता की बात सामने आई है। इसी आधार जिलाधिकारी ने वन विभाग के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश के साथ ही पूरी धनराशि वसूली और एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं। वसूली के लिए उन्होंने उपजिलाधिकारी रानीखेत को निर्देशित किया है।
एक अन्य मामले में लवासी में ही दैवीय आपदा मद से लवासी-पौधालय संपर्क माग, दीवार मरम्मत कार्य में भी अनियमितताएं सामने आई हैं। डीएम के मुताबिक सिविल सोयम चौबटिया के अंतर्गत मरम्मत के लिए एस्टीमेट के अनुसार 224600 रुपया स्वीकृत किया गया। वन विभाग ने ठेकेदार का एक लाख रुपया भुगतान कर दिया और बाकी पैसे के भुगतान के लिए भी संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। यह बात सामने आई कि वन विभाग ने कार्य की माप किसी तकनीकी विभाग के अभियंता से न करवाकर अपने विभाग के वन दारोगा से कराई गई। लोनिवि ने माप की तो काम की लागत 133708 रुपया आंकी गई। अपर सहायक अभियंता की माप के अनुसार केवल 33708 रुपये का काम मरम्मत में हुआ। जिलाधिकारी ने मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही वसूली के भी निर्देश दिए हैं।
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अल्मोड़ा। रानीखेत तहसील के सिंवाली, कालून-देेहोली में दैवीय आपदा मरम्मत कार्यों में गंभीर शिकायत सामने आई है। मौके पर केवल 68 हजार रुपयों का काम हुआ और ठेकेदार को विभाग ने साढ़े तीन लाख रुपये का भुगतान कर दिया। जिलाधिकारी ने मामलों को गंभीरता से लेते हुए वसूली के साथ ही एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं।
ग्रामीणों ने मरम्मत कार्य में गड़बड़ी से संबंधित शिकायती पत्र जिलाधिकारी को भेजा था। चौबटिया-नागपानी रोड सड़क की मरम्मत के लिए वन विभाग ने कार्य करवाया। जिलाधिकारी अक्षत गुप्ता ने उपजिलाधिकारी, लोनिवि के अपर सहायक अभियंता, नायब तहसीलदार की संयुक्त टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए थे। जांच के बाद मालूम हुआ कि मौके पर मात्र 68905 रुपये का कार्य हुआ जबकि ठेकेदार को 355600 का पूरा भुगतान कर दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि मामले साफ तौर पर स्वीकृत धनराशि के व्यय में अनियमितता, खराब गुणवत्ता की बात सामने आई है। इसी आधार जिलाधिकारी ने वन विभाग के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश के साथ ही पूरी धनराशि वसूली और एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं। वसूली के लिए उन्होंने उपजिलाधिकारी रानीखेत को निर्देशित किया है।
एक अन्य मामले में लवासी में ही दैवीय आपदा मद से लवासी-पौधालय संपर्क माग, दीवार मरम्मत कार्य में भी अनियमितताएं सामने आई हैं। डीएम के मुताबिक सिविल सोयम चौबटिया के अंतर्गत मरम्मत के लिए एस्टीमेट के अनुसार 224600 रुपया स्वीकृत किया गया। वन विभाग ने ठेकेदार का एक लाख रुपया भुगतान कर दिया और बाकी पैसे के भुगतान के लिए भी संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। यह बात सामने आई कि वन विभाग ने कार्य की माप किसी तकनीकी विभाग के अभियंता से न करवाकर अपने विभाग के वन दारोगा से कराई गई। लोनिवि ने माप की तो काम की लागत 133708 रुपया आंकी गई। अपर सहायक अभियंता की माप के अनुसार केवल 33708 रुपये का काम मरम्मत में हुआ। जिलाधिकारी ने मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही वसूली के भी निर्देश दिए हैं।
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