रानीखेत। जिस सड़क के लिए मंगचौड़ा के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक किया था, लेकिन सड़क का निर्माण कार्य शुरू होना तो दूर, मामला वन विभाग की औपचारिकताओं से ही बाहर नहीं निकल सका है।। मंगचौड़ा के ग्रामीणों ने आस पास के अन्य ग्रामीणों को साथ लेकर जून माह से निर्णायक आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। मालूम हो कि मंगचौड़ा, मकड़ौं और इससे जुड़े आसपास के गांवों में सब्जियों का प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है, लेकिन ग्रामीणों को इसके विपणन की खासी समस्या है। ग्रामीण चार किमी की खड़ी चढ़ाई पार कर किसी तरह उत्पादों को मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं। आठ साल पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आठ साल पूर्व रानीखेत-मंगचौड़ा-गगास 10 किमी मोटर मार्ग को स्वीकृति मिली। इसके लिए 1.39 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए। इस मार्ग के बनने से एरोड़, पीपलटाना, मंगचौड़ा, मकड़ौं आदि गांवों के चार हजार लोगों को लाभ मिलना था। मार्ग को लेकर मंगचौड़ा के ग्रामीणों ने इस बार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक किया था। मंगचौड़ा के बीडीसी सदस्य त्रिलोक चंद्र ने बताया कि विभाग की लेटलतीफी के कारण यह मार्ग अभी तक अस्तित्व में नहीं आ सका है। उन्होंने बताया कि एरोड़, मकड़ौं, पीपलटाना आदि गांवों के ग्रामीणों को एकजुट कर लिया गया है। जून माह में निर्णायक आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
रानीखेत। जिस सड़क के लिए मंगचौड़ा के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक किया था, लेकिन सड़क का निर्माण कार्य शुरू होना तो दूर, मामला वन विभाग की औपचारिकताओं से ही बाहर नहीं निकल सका है।। मंगचौड़ा के ग्रामीणों ने आस पास के अन्य ग्रामीणों को साथ लेकर जून माह से निर्णायक आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।
मालूम हो कि मंगचौड़ा, मकड़ौं और इससे जुड़े आसपास के गांवों में सब्जियों का प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है, लेकिन ग्रामीणों को इसके विपणन की खासी समस्या है। ग्रामीण चार किमी की खड़ी चढ़ाई पार कर किसी तरह उत्पादों को मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं। आठ साल पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आठ साल पूर्व रानीखेत-मंगचौड़ा-गगास 10 किमी मोटर मार्ग को स्वीकृति मिली। इसके लिए 1.39 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए। इस मार्ग के बनने से एरोड़, पीपलटाना, मंगचौड़ा, मकड़ौं आदि गांवों के चार हजार लोगों को लाभ मिलना था। मार्ग को लेकर मंगचौड़ा के ग्रामीणों ने इस बार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार तक किया था। मंगचौड़ा के बीडीसी सदस्य त्रिलोक चंद्र ने बताया कि विभाग की लेटलतीफी के कारण यह मार्ग अभी तक अस्तित्व में नहीं आ सका है। उन्होंने बताया कि एरोड़, मकड़ौं, पीपलटाना आदि गांवों के ग्रामीणों को एकजुट कर लिया गया है। जून माह में निर्णायक आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
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उत्तराखंड में अल्मोड़ा के सल्ट तहसील में एक बस खाई में गिर गई। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई जबकी 14 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। बताया जा रहा है कि सामने से आ रही एक कार को जगह देने के दौरान बस सड़क से नीचे उतरकर गहरी खाई में गिर गई।