ज्ञानवापी मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से वादमित्र के तौर पर पक्षकार बनाए जाने के लिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। कहा गया है कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर एक अति महत्वपूर्ण धार्मिक आस्था और विश्वास का प्रतीक है।
इस वाद में अपने अधिवक्ता के जरिए विधिक पक्ष को भी अपने स्तर से प्रस्तुत करना चाहते हैं। अदालत ने अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों से आपत्ति तलब करते हुए निस्तारण के लिए चार फरवरी की तिथि नियत कर दी।
पुरातात्विक सर्वेक्षण की अपील पर सुनवाई चार फरवरी को
सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) आशुतोष तिवारी की अदालत ने वादमित्र द्वारा ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की लंबित प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए आगामी चार फरवरी की तिथि नियत की है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दलील दी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में उक्त मुकदमे से संबंधित लंबित याचिकाओं की सुनवाई शुरू हो चुकी है।
हाईकोर्ट ने 20 जनवरी को सुनवाई के लिए तिथि नियत की है। ऐसे में उनके प्रार्थना पत्र पर सुनवाई फिलहाल स्थगित कर दी जाए। वादमित्र की इस अपील पर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए चार फरवरी की तिथि नियत की है।
ज्ञानवापी मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से वादमित्र के तौर पर पक्षकार बनाए जाने के लिए सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया है। कहा गया है कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग विश्वेश्वर एक अति महत्वपूर्ण धार्मिक आस्था और विश्वास का प्रतीक है।
इस वाद में अपने अधिवक्ता के जरिए विधिक पक्ष को भी अपने स्तर से प्रस्तुत करना चाहते हैं। अदालत ने अविमुक्तेश्वरानंद के प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों से आपत्ति तलब करते हुए निस्तारण के लिए चार फरवरी की तिथि नियत कर दी।
पुरातात्विक सर्वेक्षण की अपील पर सुनवाई चार फरवरी को
सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) आशुतोष तिवारी की अदालत ने वादमित्र द्वारा ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की लंबित प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए आगामी चार फरवरी की तिथि नियत की है।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से दलील दी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में उक्त मुकदमे से संबंधित लंबित याचिकाओं की सुनवाई शुरू हो चुकी है।
हाईकोर्ट ने 20 जनवरी को सुनवाई के लिए तिथि नियत की है। ऐसे में उनके प्रार्थना पत्र पर सुनवाई फिलहाल स्थगित कर दी जाए। वादमित्र की इस अपील पर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए चार फरवरी की तिथि नियत की है।