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Order on all transfer applications related to Gyanvapi campus postponed again, date fixed for March 23, 2023
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Gyanvapi case: ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने के आवेदन पर आदेश टला, मिली ये तारीख
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: किरन रौतेला
Updated Wed, 22 Mar 2023 05:49 PM IST
सार
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ज्ञानवापी मामले पर एक बड़ा अपडेट आया है। ज्ञानवापी परिसर से जुड़े सभी सात मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने के आवेदन पर बुधवार को कोर्ट से आदेश नहीं आ सका।
वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी परिसर से जुड़े सभी सात मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने के आवेदन पर आज भी कोर्ट का आदेश टल गया है। अदालत ने अगली तारीख 27 मार्च की दी है।
इससे पहले सोमवार को आदेश तैयार नहीं होने के कारण सुनवाई की अगली तिथि 22 मार्च तय हुई थी। सभी मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने की मांग वाली याचिकाओं पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है।
कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पत्रावली सुरक्षित कर ली थी और फैसला सुनाने की पहले एक मार्च, फिर 13 मार्च की तिथि नियत की थी। हालांकि 13 मार्च को भी आदेश नहीं आ सका था। उस दिन अदालत ने आदेश के लिए 20 मार्च की तिथि तय की थी।
ये है पूरा मामला
श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग को लेकर चार महिलाओं ने याचिका दाखिल की है। महिलाओं की मांग है कि ज्ञानवापी के सभी मामलों की सुनवाई एक साथ की जानी चाहिए।
Gyanvapi Masjid Case
- फोटो : अमर उजाला
लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी ने मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने के पक्ष में अपनी बात रखी। अधिवक्ताओं ने कहा कि ज्ञानवापी के सभी मामले एक जैसे हैं। इनकी अलग-अलग सुनवाई नहीं होनी चाहिए।
हालांकि, श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन व अन्य विग्रहों के संरक्षण से संबंधित याचिका से जुड़ी एक अन्य महिला राखी सिंह ने इसका विरोध किया। उनके अधिवक्ता ने कहा कि वह सभी मामलों की सुनवाई एक साथ नहीं चाहती हैं।
इसी तरह ज्ञानवापी परिसर मेें दूसरे समुदाय के लोगों का प्रवेश रोकने की मांग से संबंधित याचिका दाखिल करने वाली किरण सिंह, विश्व हिंदू सनातन संघ के संस्थापक जितेंद्र सिंह बिसेन की ओर से अधिवक्ता शिवम गौड़ ने सभी मामलों की सुनवाई अलग-अलग किए जाने के पक्ष में दलील दी।
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