Hindi News
›
Uttar Pradesh
›
Varanasi News
›
Mukhtar Ansari Case Awadhesh Rai Hatyakand Former Minister Ajay Rai swore in front of brother burning pyre
{"_id":"647e9ed1f7c79f1c560cf1bd","slug":"mukhtar-ansari-case-awadhesh-rai-hatyakand-former-minister-ajay-rai-swore-in-front-of-brother-burning-pyre-2023-06-06","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Mukhtar Ansari: जलती चिता के सामने खाई थी कसम... डरूंगा नहीं, डटा रहूंगा; अजय राय बोले-मेरे सामने मारी थी गोली","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Mukhtar Ansari: जलती चिता के सामने खाई थी कसम... डरूंगा नहीं, डटा रहूंगा; अजय राय बोले-मेरे सामने मारी थी गोली
पुष्पेन्द्र कुमार त्रिपाठी, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 06 Jun 2023 11:33 AM IST
मृतक के भाई व मामले के मुख्य गवाह पूर्व मंत्री अजय राय ने मुख्तार को उम्रकैद मिलने के बाद कहा कि 32 साल से बड़े भाई की रुद्राक्ष की माला पहन कर न्याय की लड़ाई लड़ रहा था। अब जीत मिली है। भइया की जलती चिता के सामने कसम खाई थी। डरूंगा नहीं, डटा रहूंगा।
मुख्तार को उम्रकैद की सजा मिलने के बाद अजय राय
- फोटो : अमर उजाला
एक बात आज कहना चाहता हूं, जो बीते 32 वर्षों में किसी से नहीं कहा। बड़े भाई अवधेश की चिता जब जल रही थी तभी मैंने कसम खाई थी कि कभी डरूंगा नहीं... डटा रहूंगा... और, अपराधियों को सजा दिलाकर ही दम लूंगा...। मेरे गले में पड़ी भाई की रुद्राक्ष की माला मुझे रोजाना यह एहसास कराती थी कि हत्यारों को हर हाल में सजा दिलानी है।
माफिया के साथ ही सरकारें और सिस्टम लगातार हमारे खिलाफ रहे, लेकिन आज जीत न्याय की हुई। यह कहना है मृत अवधेश के छोटे भाई व पूर्व मंत्री अजय राय का। अजय ही मामले में मुख्य गवाह रहे। भाई अवधेश राय की हत्या में दोष सिद्ध करार दिए गए माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर अजय राय ने सोमवार की दोपहर अमर उजाला संवाददाता से विशेष बात की।
कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि बड़े भाई अवधेश की हत्या के बाद मेरे मां-पिता को गहरा सदमा लगा। वह चारपाई पर आ गए और उन्हें याद करते हुए कुछ वर्षों में ही चल बसे। हमारा परिवार बिखर गया। भाई अवधेश ही परिवार के हर सदस्य की छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखते थे।
हत्या से पहले ही उनकी धर्मपत्नी और मेरी भाभी दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से चल बसी थीं। उनकी फूल सी बेटी हनी जब भी हमारी ओर देखती थी तो हमें लगता था कि वह हमसे बस यही पूछ रही है कि चाचा, मेरे पापा के साथ गलत करने वालों को क्या कभी सजा मिलेगी...? फिर, कभी सरकार तो कभी सिस्टम की ओर से रोड़े अटकाए जाते थे, लेकिन मैं विचलित नहीं हुआ।
मेरे गले में पड़ी भाई की रुद्राक्ष की माला पर जब भी हाथ जाता था तो बस यही याद आता था कि संघर्ष करते रहना है। कभी रुकना नहीं है। मैं, अपने साथी गवाह विजय पांडेय और ड्राइवर कतवारू का भी आभारी हूं।
दोनों तीन दशक से ज्यादा समय से तरह-तरह के दबाव झेल रहे हैं, लेकिन कभी विचलित नहीं हुए। मुश्किल समय में भी साथ खड़े रहे। आज बस इतना ही कहना है कि ईश्वर के घर में देर है, लेकिन अंधेर नहीं। न्यायालय में सत्य की जीत हुई है। असत्य पराजित हुआ है।
मेरे सामने मारी थी गोली, हमलावरों की वैन से ही ले गया अस्पताल
अजय राय ने कहा कि हम लोग मूल रूप से गाजीपुर जिले के जमनिया तहसील के मलसा गांव के निवासी हैं। पिता दिवंगत सुरेंद्र राय व्यापार के सिलसिले में बनारस आए और यहीं घर बनवाकर रहना शुरू किया। सात भाई और एक बहन में अवधेश राय छठे नंबर पर थे। वर्ष 1991 में हमारी उम्र लगभग 20 साल थी। हमने विद्यापीठ में दाखिला लिया था।
तीन अगस्त 1991 को भाई अवधेश, विजय पांडेय, चालक और कुछ अन्य लोगों के साथ हम लोग एक अस्पताल में भर्ती मरीज को देखकर वापस जिप्सी से चेतगंज स्थित अपने घर के सामने आकर रुके। हमारे घर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर चेतगंज थाना है। जिप्सी से नीचे उतरते ही अचानक सफेद रंग की बिना नंबर की एक वैन आकर रुकी।
उससे मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह सहित अन्य लोग उतरे और फायरिंग करने लगे। गोली लगते ही अवधेश सड़क पर गिर गए तो हम अपनी लाइसेंसी पिस्टल से फायरिंग करते हुए बदमाशों के पीछे दौड़े। इस पर बदमाश अपनी वैन छोड़कर पैदल ही गलियों से होते हुए भाग निकले। हमने पीछा किया, लेकिन बदमाशों का पता नहीं लगा।
गोली लगने की वजह से हमारी जिप्सी चलने लायक स्थिति में नहीं थी। इसलिए बदमाशों की वैन से ही आनन-फानन अवधेश को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इतनी बड़ी घटना के बाद भी हालत यह थी कि पुलिस घटनास्थल पर आने को तैयार ही नहीं थी। हालांकि उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर उसी दिन हत्या का मुकदमा चेतगंज थाने में दर्ज किया गया।
सुनवाई के दौरान हुआ था कचहरी में बम धमाका
अजय राय ने बताया कि अवधेश राय हत्याकांड में अदालत में उनकी गवाही चल रही थी, उसी से चंद कदमों की दूरी पर 23 नवंबर 2007 को बम धमाके हुए थे। धमाकों में तीन अधिवक्ता सहित अन्य लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हुए थे। एजेंसियों की जांच रिपोर्ट जो भी हो, लेकिन आज तक कहा यही जाता है कि हमारी हत्या के लिए मुख्तार अंसारी की शह पर वह धमाके किए गए थे।
बम धमाकों के बाद एक अरसे तक अवधेश राय हत्याकांड की सुनवाई भी स्थगित रही। हमारे खिलाफ दुष्प्रचार भी किया गया कि हमने मुख्तार अंसारी से हाथ मिला लिया है, जबकि यह सरासर झूठ था। हमारी ही गवाही की बदौलत उसे गाजीपुर में गैंगस्टर एक्ट में और फिर वाराणसी में हत्या के मुकदमे में सजा मिली है।
अपराधी नहीं, जनसेवक बनकर लड़ी लड़ाई
अजय राय ने कहा कि अवधेश राय की हत्या के बाद बदमाशों की ही मदद से बदला लेने के लिए तमाम लोगों ने उकसाया, लेकिन हमने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। हमने जनसेवा का माध्यम चुना और 1993 में छोटी सी उम्र में ही राजनीति में आ गया। फिर, जनता के आशीर्वाद से पांच बार विधायक चुना गया।
स्थितियां विपरीत रहीं, लेकिन संघर्ष जारी रखा और बाबा विश्वनाथ की कृपा से आज न्याय हुआ है। यहां एक बात कहना चाहूंगा कि हमारे सभी लाइसेंसी असलहे जब्त कर लिए गए, हमारी सुरक्षा को लेकर पुलिस के स्तर से गंभीरता नहीं बरती गई, लेकिन फिर भी हम कभी मुख्तार अंसारी के खिलाफ प्रभावी पैरवी से पीछे नहीं हटे।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।