श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। एक ओर जहां श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन को लेकर प्रवेश और निकास के अलग-अलग मार्ग तैयार किए जा रहे हैं, वहीं लाइटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है।
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन की ओर से पेयजल, पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम सहित कई अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की जा रही है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक विशाल सिंह ने बताया कि एक 21 फरवरी को भोर में मंगला आरती दो बजकर 15 मिनट पर आरंभ होगी। इसके बाद साढ़े 3 बजे से श्रद्धालुओं को दर्शन की सुविधा के लिए मंदिर खुल जाएगा।
मध्यान भोग आरती दोपहर 12 बजे से साढ़े 12 बजे तक चलेगी। वहीं रात्रि में चार पहर की आरती होगी। पहले प्रहर की आरती 10:50 से शुरू होकर रात्रि साढ़े 12 बजे तक चलेगी। वहीं द्वितीय प्रहर की आरती 21 और 22 फरवरी की मध्य रात्रि में 1:20 बजे शुरू होकर 2:30 बजे समाप्त होगी।
तृतीय प्रहर की आरती 22 फरवरी की भोर में 2:55 से 4 बज कर 25 मिनट तक चलेगी। जबकि चौथी प्रहर की आरती 22 तारीख की सुबह 4:55 से शुरू होकर 9:15 तक चलेगी। इस दौरान श्रद्धालुओं के झांकी दर्शन की व्यवस्था निरंतर चलती रहेगी। मंदिर प्रशासन द्वारा इस बार मैदागिन और गोदौलिया से आने वाले वृद्ध और दिव्यांग जनों के लिए आठ ई रिक्शा संचालित करेगा।
जगह-जगह पेयजल और लाकर की सुविधा उपलब्ध होगी। सुगम दर्शन का टिकट शिवरात्रि के एक दिन पहले 20 फरवरी की शाम तक श्रद्धालु ऑनलाइन या काउंटर पर जाकर ले सकेंगे। मुख्य कार्यपालक ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि श्रद्धालु अपना मोबाइल, पेन, इलेक्ट्रॉनिक घड़ी, हेडफोन किसी भी प्रकार का तंबाकू उत्पाद सहित अन्य प्रतिबंधित चीजों को दर्शन के दौरान न लेकर आएं, ताकि लंबी कतार में लगने पर होने वाली जांच के बाद उनको फिर से असुविधाओं का सामना करना पड़े। इसलिए श्रद्धालु इन निर्देशों का पालन करते हुए आसानी से बाबा विश्वनाथ के दर्शन प्राप्त करें।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। एक ओर जहां श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन को लेकर प्रवेश और निकास के अलग-अलग मार्ग तैयार किए जा रहे हैं, वहीं लाइटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है।
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन की ओर से पेयजल, पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम सहित कई अन्य सुविधाओं की भी व्यवस्था की जा रही है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक विशाल सिंह ने बताया कि एक 21 फरवरी को भोर में मंगला आरती दो बजकर 15 मिनट पर आरंभ होगी। इसके बाद साढ़े 3 बजे से श्रद्धालुओं को दर्शन की सुविधा के लिए मंदिर खुल जाएगा।
मध्यान भोग आरती दोपहर 12 बजे से साढ़े 12 बजे तक चलेगी। वहीं रात्रि में चार पहर की आरती होगी। पहले प्रहर की आरती 10:50 से शुरू होकर रात्रि साढ़े 12 बजे तक चलेगी। वहीं द्वितीय प्रहर की आरती 21 और 22 फरवरी की मध्य रात्रि में 1:20 बजे शुरू होकर 2:30 बजे समाप्त होगी।
तृतीय प्रहर की आरती 22 फरवरी की भोर में 2:55 से 4 बज कर 25 मिनट तक चलेगी। जबकि चौथी प्रहर की आरती 22 तारीख की सुबह 4:55 से शुरू होकर 9:15 तक चलेगी। इस दौरान श्रद्धालुओं के झांकी दर्शन की व्यवस्था निरंतर चलती रहेगी। मंदिर प्रशासन द्वारा इस बार मैदागिन और गोदौलिया से आने वाले वृद्ध और दिव्यांग जनों के लिए आठ ई रिक्शा संचालित करेगा।
जगह-जगह पेयजल और लाकर की सुविधा उपलब्ध होगी। सुगम दर्शन का टिकट शिवरात्रि के एक दिन पहले 20 फरवरी की शाम तक श्रद्धालु ऑनलाइन या काउंटर पर जाकर ले सकेंगे। मुख्य कार्यपालक ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि श्रद्धालु अपना मोबाइल, पेन, इलेक्ट्रॉनिक घड़ी, हेडफोन किसी भी प्रकार का तंबाकू उत्पाद सहित अन्य प्रतिबंधित चीजों को दर्शन के दौरान न लेकर आएं, ताकि लंबी कतार में लगने पर होने वाली जांच के बाद उनको फिर से असुविधाओं का सामना करना पड़े। इसलिए श्रद्धालु इन निर्देशों का पालन करते हुए आसानी से बाबा विश्वनाथ के दर्शन प्राप्त करें।