न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: हरि User
Updated Fri, 19 Feb 2021 11:27 PM IST
काशी में गंगा आरती के पंजीकरण के आदेश के बाद समितियों में हलचल तेज हो गई है। प्रशासन के आदेश के विरोध में कोई खुलकर सामने तो नहीं आया है, लेकिन पंडा समाज दबी जुबान में इसका विरोध कर रहा है। सभी नगर निगम के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस द्वारा शुरू की गई गंगा आरती के विवाद के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने गंगा आरती के पंजीकरण और नई व्यवस्था निर्धारित करने का आदेश जारी किया है। गंगा घाट पर बिना पंजीकरण कोई भी संस्था गंगा आरती नहीं करा सकेगी। गंगा आरती कराने वाली प्रमुख संस्थाओं का कहना है कि उनकी संस्थाएं पहले से पंजीकृत हैं।
ये है आदेश
नए आदेश के बाद उन्हें दोबारा पंजीकरण कराना होगा। इस मामले में केंद्रीय देव दीपावली समिति और पुरोहित समाज ने कहा है कि नए आदेश में कई संशोधन की जरूरत है। फिलहाल नगर निगम की तरफ से नई व्यवस्था के संबंध में निर्देश मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- बिना पंजीकरण घाट पर गंगा आरती नहीं होगी।
- एक संस्था या व्यक्तियों का समूह एक से अधिक घाटों पर आरती नहीं कर सकेगा।
- पंजीकरण की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है।
- 17 फरवरी तक नियमित आरती करा चुकी संस्थाओं और व्यक्ति पंजीकरण करा सकेंगे।
- एक वर्ष के लिए स्थान का आवंटन होगा। हर साल पंजीकरण कराना होगा।
- 31 मार्च के बाद बिना पंजीकरण आरती नहीं करा सकेंगे।
विरोध के बीच हुई गंगा आरती
अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस के मंच पर शुक्रवार को विरोध के बाद आरती संपन्न हुई। गंगा सेवा समिति के सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं। आयोजन के दौरान विवाद की आशंका के कारण पीएसी जवानों को तैनात किया गया है।
काशी में गंगा आरती के पंजीकरण के आदेश के बाद समितियों में हलचल तेज हो गई है। प्रशासन के आदेश के विरोध में कोई खुलकर सामने तो नहीं आया है, लेकिन पंडा समाज दबी जुबान में इसका विरोध कर रहा है। सभी नगर निगम के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस द्वारा शुरू की गई गंगा आरती के विवाद के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने गंगा आरती के पंजीकरण और नई व्यवस्था निर्धारित करने का आदेश जारी किया है। गंगा घाट पर बिना पंजीकरण कोई भी संस्था गंगा आरती नहीं करा सकेगी। गंगा आरती कराने वाली प्रमुख संस्थाओं का कहना है कि उनकी संस्थाएं पहले से पंजीकृत हैं।
ये है आदेश
नए आदेश के बाद उन्हें दोबारा पंजीकरण कराना होगा। इस मामले में केंद्रीय देव दीपावली समिति और पुरोहित समाज ने कहा है कि नए आदेश में कई संशोधन की जरूरत है। फिलहाल नगर निगम की तरफ से नई व्यवस्था के संबंध में निर्देश मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
- बिना पंजीकरण घाट पर गंगा आरती नहीं होगी।
- एक संस्था या व्यक्तियों का समूह एक से अधिक घाटों पर आरती नहीं कर सकेगा।
- पंजीकरण की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है।
- 17 फरवरी तक नियमित आरती करा चुकी संस्थाओं और व्यक्ति पंजीकरण करा सकेंगे।
- एक वर्ष के लिए स्थान का आवंटन होगा। हर साल पंजीकरण कराना होगा।
- 31 मार्च के बाद बिना पंजीकरण आरती नहीं करा सकेंगे।
विरोध के बीच हुई गंगा आरती
अस्सी घाट पर सुबह-ए-बनारस के मंच पर शुक्रवार को विरोध के बाद आरती संपन्न हुई। गंगा सेवा समिति के सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं। आयोजन के दौरान विवाद की आशंका के कारण पीएसी जवानों को तैनात किया गया है।