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बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के नर्सिंग कालेज के छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में आ गया है। वजह ये कि उनका नर्सिंग कालेज इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्य नहीं है। ऐसे में उनकी डिग्री भी मान्य नहीं होगी। ऐसे 260 छात्र-छात्राओं को अपने कॅरियर की चिंता सताने लगी है। इन छात्र-छात्राओं ने बुधवार को केंद्रीय कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
बीएचयू बीएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनका कालेज इंडियन नर्सिंग काउंसलिंग से मान्यता प्राप्त नहीं है। इसे लेकर उन्होंने दो साल पहले डीन और डायरेक्टर को पत्र लिखा। उन्होंने मौखिक आश्वासन दिया कि आपकी समस्या का हल निकाल लिया जाएगा। महीने भर पहले वो कुलपति से भी मिले।
उन्होंने भी उन्हें आश्वासन दिया लेकिन अब तक हुआ कुछ नहीं। छात्रों का कहना है कि 2015, 2016 और 2017 बैच के छात्र-छात्राओं के सामने उनके कॅरियर का संकट खड़ा हो गया है। 2015 बैच के छात्रों का पाठ्यक्रम छह महीने बाद खत्म हो रहा है।
ऐसे में छह महीने के अंदर मान्यता के संबंध में कुछ नहीं हुआ तो उनकी डिग्री ही मान्य नहीं होगी। इस बारे में कालेज की डॉ. डीएलसी अग्रहरि ने बताया कि टीचिंग स्टाफ और संसाधन की कमी के कारण इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता रोक रखी है। विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है कि पुन: मान्यता मिल जाए।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ईको-स्किल्ड गंगा मित्र तैयार करने की ट्रेनिंग बुधवार को शुरू हुई। केएन उडुप्पा सभागार में आयोजित उद्घाटन समारोह में कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने गंगा मित्र की वेबसाइट भी लांच की। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि गंगा पवित्र है, लेकिन हम उसके पानी को प्रदूषित कर रहे हैं। हमें इसका ख्याल रखना होगा।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए स्कूलों में प्राथमिक स्तर से लोगों को शिक्षित करना पड़ेगा। सभी नालों और कारखानों से निकले जल को शोधित करना होगा। इस अभियान में आम लोगों की भागीदारी भी जरूरी है, वे गंगा में एक फूल और एक बूंद दूध डालकर भी धार्मिक क्रियाएं कर सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के प्रशासनिक निदेशक राजीव किशोर ने बताया कि बीएचयू गंगा बेसिन का पहला विश्वविद्यालय है, जिसे ईको-स्किल्ड गंगा मित्र की ट्रेनिंग के लिए चुना गया। भविष्य में गंगोत्री से गंगासागर तक के पांचों प्रदेशों में ये योजना मूर्त रूप लेगी। बीएचयू में गंगा नॉलेज केंद्र व गंगा गैलरी बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
पर्यावरणविद प्रो. बीडी त्रिपाठी ने कहा कि गंगा मित्र सरकार और आमजन के बीच ब्रिज होंगे। प्रथम चरण में 200 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। गंगा मित्र गंगा संरक्षण, स्वच्छता व अन्य कार्यक्रमों में सहयोग करेंगे। स्वागत प्रो. कविता शाह ने किया। संचालन रविंद्र सहाय और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. एके जोशी ने किया।
बीएचयू विज्ञान संस्थान के सांख्यिकी विभाग के तीन छात्रों का चयन ‘भारतीय सांख्यिकी सेवा 2018’ के लिए हुआ है। अतुल कुमार सिंह ने द्वितीय रैंक, दिव्यांश शुक्ला को 11वीं और उज्ज्वल श्रीवास्तव ने 22वीं रैंक हासिल की है। विभागाध्यक्ष प्रो. बृज बिहारी खरे ने बताया कि सांख्यिकी विभाग के छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट में बेहतर प्रदर्शन रहा है। तीस नवंबर को ऑप्टम कंपनी कैंपस प्लेसमेंट के लिए आ रही है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र स्थित महामना सभागार में 30 नवंबर को लंदन के अप्रवासी भारतीय पत्रकार डॉ. विजय राना का विशिष्ट व्याख्यान होगा। डॉ. राना ‘क्रिएटिंग माइंडसेट फॉर हैपीनेस, ऑप्टीमाइजिंग एंड सक्सेस थ्रू पॉजीटिव थिंकिंग’ पर व्याख्यान देंगे।
बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के नर्सिंग कालेज के छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में आ गया है। वजह ये कि उनका नर्सिंग कालेज इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्य नहीं है। ऐसे में उनकी डिग्री भी मान्य नहीं होगी। ऐसे 260 छात्र-छात्राओं को अपने कॅरियर की चिंता सताने लगी है। इन छात्र-छात्राओं ने बुधवार को केंद्रीय कार्यालय पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
बीएचयू बीएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनका कालेज इंडियन नर्सिंग काउंसलिंग से मान्यता प्राप्त नहीं है। इसे लेकर उन्होंने दो साल पहले डीन और डायरेक्टर को पत्र लिखा। उन्होंने मौखिक आश्वासन दिया कि आपकी समस्या का हल निकाल लिया जाएगा। महीने भर पहले वो कुलपति से भी मिले।
उन्होंने भी उन्हें आश्वासन दिया लेकिन अब तक हुआ कुछ नहीं। छात्रों का कहना है कि 2015, 2016 और 2017 बैच के छात्र-छात्राओं के सामने उनके कॅरियर का संकट खड़ा हो गया है। 2015 बैच के छात्रों का पाठ्यक्रम छह महीने बाद खत्म हो रहा है।
ऐसे में छह महीने के अंदर मान्यता के संबंध में कुछ नहीं हुआ तो उनकी डिग्री ही मान्य नहीं होगी। इस बारे में कालेज की डॉ. डीएलसी अग्रहरि ने बताया कि टीचिंग स्टाफ और संसाधन की कमी के कारण इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता रोक रखी है। विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है कि पुन: मान्यता मिल जाए।
ईको-स्किल्ड गंगा मित्र की बीएचयू में शुरू हुई ट्रेनिंग
कार्यक्रम का शुभारंभ करते कुलपति
- फोटो : self
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ईको-स्किल्ड गंगा मित्र तैयार करने की ट्रेनिंग बुधवार को शुरू हुई। केएन उडुप्पा सभागार में आयोजित उद्घाटन समारोह में कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने गंगा मित्र की वेबसाइट भी लांच की। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी ने कहा कि गंगा पवित्र है, लेकिन हम उसके पानी को प्रदूषित कर रहे हैं। हमें इसका ख्याल रखना होगा।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कहा कि गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए स्कूलों में प्राथमिक स्तर से लोगों को शिक्षित करना पड़ेगा। सभी नालों और कारखानों से निकले जल को शोधित करना होगा। इस अभियान में आम लोगों की भागीदारी भी जरूरी है, वे गंगा में एक फूल और एक बूंद दूध डालकर भी धार्मिक क्रियाएं कर सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के प्रशासनिक निदेशक राजीव किशोर ने बताया कि बीएचयू गंगा बेसिन का पहला विश्वविद्यालय है, जिसे ईको-स्किल्ड गंगा मित्र की ट्रेनिंग के लिए चुना गया। भविष्य में गंगोत्री से गंगासागर तक के पांचों प्रदेशों में ये योजना मूर्त रूप लेगी। बीएचयू में गंगा नॉलेज केंद्र व गंगा गैलरी बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
पर्यावरणविद प्रो. बीडी त्रिपाठी ने कहा कि गंगा मित्र सरकार और आमजन के बीच ब्रिज होंगे। प्रथम चरण में 200 लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। गंगा मित्र गंगा संरक्षण, स्वच्छता व अन्य कार्यक्रमों में सहयोग करेंगे। स्वागत प्रो. कविता शाह ने किया। संचालन रविंद्र सहाय और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. एके जोशी ने किया।
बीएचयू के तीन छात्रों का सांख्यिकी सेवा में चयन
बीएचयू विज्ञान संस्थान के सांख्यिकी विभाग के तीन छात्रों का चयन ‘भारतीय सांख्यिकी सेवा 2018’ के लिए हुआ है। अतुल कुमार सिंह ने द्वितीय रैंक, दिव्यांश शुक्ला को 11वीं और उज्ज्वल श्रीवास्तव ने 22वीं रैंक हासिल की है। विभागाध्यक्ष प्रो. बृज बिहारी खरे ने बताया कि सांख्यिकी विभाग के छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट में बेहतर प्रदर्शन रहा है। तीस नवंबर को ऑप्टम कंपनी कैंपस प्लेसमेंट के लिए आ रही है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र स्थित महामना सभागार में 30 नवंबर को लंदन के अप्रवासी भारतीय पत्रकार डॉ. विजय राना का विशिष्ट व्याख्यान होगा। डॉ. राना ‘क्रिएटिंग माइंडसेट फॉर हैपीनेस, ऑप्टीमाइजिंग एंड सक्सेस थ्रू पॉजीटिव थिंकिंग’ पर व्याख्यान देंगे।