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नहीं थम रहा बीएचयू हॉस्टल का मामला: छात्राओं ने कहा- 'प्रशासन कर रहा मोटी कमाई, ना गीजर..ना वाई फाई'

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: किरन रौतेला Updated Tue, 07 Feb 2023 05:07 PM IST
सार

अक्तूबर 2022 में न्यू पीजी हॉस्टल में छात्राओं के रहने की सुविधा शुरू की गई। इस समय हॉस्टल में विभिन्न संकायों की 650 से अधिक छात्राएं रह रही हैं। जहां बीएचयू के अन्य छात्रावासों में रहने का खर्च तीन से चार हजार रुपये हैं। वहीं इस हॉस्टल का शुल्क प्रतिवर्ष बीस हजार रुपये हैं। इसके अलावा छात्राओं को प्रतिमाह अलग से खाने के लिए 32 से 35 सौ रुपये देने होते हैं।

BHU admission
BHU admission - फोटो : Social Media

विस्तार

बीएचयू परिसर के न्यू पीजी हॉस्टल का शुल्क सबसे अधिक है। हॉस्टल में सुविधाएं न के बराबर है। छात्राओं का कहना है कि हॉस्टल में न इंटरनेट है न वाईफाई । ठंड के मौसम में गीजर उपलब्ध नहीं कराया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश के वक्त इन सुविधाओं को देने का आश्वासन दिया था। लेकिन तीन महीने बाद भी सुविधाएं नहीं मिल  सकीं। छात्र कल्याण अधिष्ठाता का कहना है कि सुविधाओं को बढ़ाने की पहल की जा रही है। 



अक्तूबर 2022 में न्यू पीजी हॉस्टल में छात्राओं के रहने की सुविधा शुरू की गई। इस समय हॉस्टल में विभिन्न संकायों की 650 से अधिक छात्राएं रह रही हैं। जहां बीएचयू के अन्य छात्रावासों में रहने का खर्च तीन से चार हजार रुपये हैं। वहीं इस हॉस्टल का शुल्क प्रतिवर्ष बीस हजार रुपये हैं। इसके अलावा छात्राओं को प्रतिमाह अलग से खाने के लिए 32 से 35 सौ रुपये देने होते हैं। अक्तूबर में प्रवेश लेने वाली छात्राओं से कहा गया था कि तीन महीने में इंटरनेट और वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। लेकिन अब तक छात्राओं को ये सुविधाएं नहीं मिल पाई है। वहीं जनवरी में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को बताया गया कि इस महीने में इंटरनेट व वाई फाई सेवा शुरू हो जाएगी लेकिन जनवरी बीत जाने के बाद भी सुविधा शुरू नहीं हो सकी है। इसी तरह न्यू पीएचडी हॉस्टल में भी अभी तक वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। छात्राओं को बिना इंटरनेट के शोध और प्रोजेक्ट कार्य करने में परेशानी हो रही है। छात्राओं ने कुछ दिन पहले वाई फाई को लेकर कुलपति आवास पर धरना भी दिया था।


अब तक नही हुई प्रशासनिक वार्डेन की नियुक्ति
बीएचयू में न्यू पीजी हॉस्टल सबसे महंगा और सबसे अधिक सीटों वाला महिला छात्रावास है। इस हॉस्टल को शुरू हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत चुका है। अभी तक इस छात्रावास में प्रशासनिक वार्डेन की नियुक्ति नहीं हो पाई है। बीएचयू हॉस्टल मैन्युअल के अनुसार वित्तीय लेनदेन और नीतिगत फैसले लेने का अधिकार प्रशासनिक वार्डेन का होता है।

वाराणसी में बीएचयू परिसर
वाराणसी में बीएचयू परिसर - फोटो : अमर उजाला।
हॉस्टल में कई छात्राओं के फीस का मामला उलझा
 छात्राओं को न्यू पीजी छात्रावास में प्रतिवर्ष बीस हजार की फीस को दो किश्त में दस हजार प्रति छह महीने में जमा करने को कहा गया था। फीस जमा करने की अवधि 1 जुलाई से 31 दिसंबर और 1 जनवरी से 30 जून तक रखी गई। लेकिन जिन छात्राओं ने हॉस्टल में प्रवेश के समय अक्तूबर में दस हजार रुपये जमा की। उन छात्राओं को फिर तीन महीने बाद ही जनवरी में दस हजार की फीस जमा करने का आदेश दिया गया। कुछ छात्राओं ने वार्डन और छात्र अधिष्ठाता से की कि उन्हें तीन महीने रहने के ही दस हजार रूपये देने पड़े हैं। उनकी मांग थी कि तीन महीने की फीस अगले किश्त में समायोजित की जाए या वापस की जाए लेकिन छात्राओं को इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई है।

न्यू पीएच में दो फ्लोर पर वाईफाई व इंटरनेट की टेस्टिंग चल रही है। कुछ सामान उपलब्ध नहीं होने के कारण इसमें देरी हो रही है। वहीं न्यू पीजी हास्टल में छात्राओं की संख्या कम होने के कारण प्रशासनिक वार्डेन की नियुक्ति नहीं हुई थी। प्रशासनिक वार्डेन की नियुक्ति भी जल्द से जल्द की जाएगी। छात्राओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
प्रो. एके नेमा, छात्र अधिष्ठाता
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