वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में दो छात्रों को पहले पास घोषित किया गया था और दो साल बाद फेल कर दिया गया। दोनों ने वर्ष 2010-11 में बीए प्रथम वर्ष पास किया और इस शैक्षिक सत्र में वे तृतीय वर्ष में है। अब अचानक विश्वविद्यालय प्रशासन को यह पता चला कि दोनों बीए प्रथम वर्ष में ही फेल थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने समाज विज्ञान संकाय को पत्र भेजकर दोनों छात्रों के अंकपत्र परीक्षा विभाग में जमा करने को कहा है।
समाज विज्ञान संकाय के दीपक चौहान तथा अजीत भारती ने बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद द्वितीय वर्ष में दाखिला लिया। द्वितीय वर्ष की परीक्षा वर्ष 2011-12 में पास करने के बाद उन्होंने तृतीय वर्ष में दाखिला लिया। अब परीक्षा गोपनीय विभाग के एसएन सिंह ने समाज विज्ञान संकाय को नोट शीट भेजकर कहा है कि जांच में दोनों छात्र अनुत्तीर्ण मिले हैं। लिहाजा उन्हें जारी पुराना अंकपत्र परीक्षा विभाग में जमा करा दिया जाए। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस आदेश से हड़कंप की स्थिति है। सवाल उठता है कि अचानक दो साल बाद कैसे जांच की कार्रवाई की गई। दो साल तक परीक्षा विभाग क्या करता रहा। अब छात्रों के भविष्य का क्या होगा। क्या उन्हें फिर से बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा देनी होगी। छात्रों के भविष्य को बर्बाद होने से बचाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन क्या करेगा। इस बारे में रजिस्ट्रार एसएल मौर्य का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। लेकिन पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।