वाराणसी। बीएचयू के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियाें का दुखड़ा यह है कि लंका पुलिस परिसर और आसपास के गुंडा तत्वाें से निबटने में उनका साथ नहीं दे रही है। उधर बीएचयू के वीसी डा. लालजी सिंह का कहना है कि उन्हें छेड़खानी के मामले की जांच के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है। इसी के बाद आरोपियाें के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परिसर में गुंडागर्दी और अराजक तत्वाें को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जांच कमेटी के सदस्याें सहित विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों पर दबंग छात्राें का इतना दबाव है कि वे दो मामलाें को एक बताकर अभी से ही जांच की दिशा भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में गुरुवार को दो घटनाएं हुई थीं। पहली आइसा के छात्रनेताआें से पोस्टर लगाने को लेकर बिरला हास्टल में मारपीट हुई थी। इस मामले में विद्यार्थी परिषद के छात्रनेता के खिलाफ मामला दर्ज करने में लंका पुलिस ने बहुत चुस्ती दिखाई। दूसरी घटना में समाजवादी युवजन सभा से जुड़े उन लोगाें का नाम आया जो परिसर में गुंडागर्दी का पर्याय बन गए हैं तो लंका पुलिस को सांप सूंघ गया। लंका पुलिस का एक अफसर उन्हें एक मंत्री का खास प्रचारित करता रहा है। अब मंत्री के परिजनाें का कहना है कि यह गलत बात है। उनका और उनके परिवार के लोगों का ऐसे तत्वाें से कोई लेना-देना नहीं है। अब सवाल उठ खड़ा हुआ है कि जांच कमेटी के लोग और पुलिस किसके दबाव में हैं।
वाराणसी। बीएचयू के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियाें का दुखड़ा यह है कि लंका पुलिस परिसर और आसपास के गुंडा तत्वाें से निबटने में उनका साथ नहीं दे रही है। उधर बीएचयू के वीसी डा. लालजी सिंह का कहना है कि उन्हें छेड़खानी के मामले की जांच के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है। इसी के बाद आरोपियाें के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परिसर में गुंडागर्दी और अराजक तत्वाें को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जांच कमेटी के सदस्याें सहित विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों पर दबंग छात्राें का इतना दबाव है कि वे दो मामलाें को एक बताकर अभी से ही जांच की दिशा भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में गुरुवार को दो घटनाएं हुई थीं। पहली आइसा के छात्रनेताआें से पोस्टर लगाने को लेकर बिरला हास्टल में मारपीट हुई थी। इस मामले में विद्यार्थी परिषद के छात्रनेता के खिलाफ मामला दर्ज करने में लंका पुलिस ने बहुत चुस्ती दिखाई। दूसरी घटना में समाजवादी युवजन सभा से जुड़े उन लोगाें का नाम आया जो परिसर में गुंडागर्दी का पर्याय बन गए हैं तो लंका पुलिस को सांप सूंघ गया। लंका पुलिस का एक अफसर उन्हें एक मंत्री का खास प्रचारित करता रहा है। अब मंत्री के परिजनाें का कहना है कि यह गलत बात है। उनका और उनके परिवार के लोगों का ऐसे तत्वाें से कोई लेना-देना नहीं है। अब सवाल उठ खड़ा हुआ है कि जांच कमेटी के लोग और पुलिस किसके दबाव में हैं।