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वाराणसी। ग्लोबल वार्मिंग और बिजली की खपत कम करने के लिए बाल वैज्ञानिक आयुष देवा का मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है। डीपीएस वाराणसी के 10वीं कक्षा के इस छात्र को मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव शनिवार को लखनऊ में गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित करेंगे। आयुष ने बताया कि ‘रिकवरी आफ वेस्ट हीट फ्राम एसी’ मॉडल से एयर कंडीशनर से निकलने वाली गरम हवा के जरिए पानी को गरम करने की तकनीक बताई गई है। साथ ही यह बताया गया है कि किस प्रकार ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सकता है। इससे जहां बढ़ते तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है, वहीं बिजली की बचत और गरम पानी का इस्तेमाल भी आसानी से किया जा सकता है।
आयुष को बाल वैज्ञानिक का पुरस्कार इंसपायर्ड एवार्ड योजना के तहत दिया जा रहा है। आयुष के पिता अनुपम देवा पेशे से इंजीनियर और मां पारुल देवा गृहणी हैं। अनुपम ने बताया कि उनका बेटा शुरू से ही टैलेंटेड है। कक्षा आठ में नेशनल टैलेंट सर्च स्कीम के तहत भी चुना गया था। इस मॉडल को बनाने में पिता के अलावा स्कूल के प्रधानाचार्य आरके पांडेय ने भी गाइड की भूमिका अदा की है। आयुष का सपना है कि वह बड़ा होकर आईटी इंजीनियर बने। ऐसा अविष्कार करे जो सभी के लिए उपयोगी साबित हो। बता दें कि एवार्ड योजना के तहत आयोजित प्रतियोगिता में पूरे देश से 3.10 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। इनमें से 1138 छात्रों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ था। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 50 प्रतिभागी चुने गए। उत्तर प्रदेश से आयुष समेत तीन प्रतिभागियों का चयन हुआ है।
वाराणसी। ग्लोबल वार्मिंग और बिजली की खपत कम करने के लिए बाल वैज्ञानिक आयुष देवा का मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर चुना गया है। डीपीएस वाराणसी के 10वीं कक्षा के इस छात्र को मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव शनिवार को लखनऊ में गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मानित करेंगे। आयुष ने बताया कि ‘रिकवरी आफ वेस्ट हीट फ्राम एसी’ मॉडल से एयर कंडीशनर से निकलने वाली गरम हवा के जरिए पानी को गरम करने की तकनीक बताई गई है। साथ ही यह बताया गया है कि किस प्रकार ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सकता है। इससे जहां बढ़ते तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है, वहीं बिजली की बचत और गरम पानी का इस्तेमाल भी आसानी से किया जा सकता है।
आयुष को बाल वैज्ञानिक का पुरस्कार इंसपायर्ड एवार्ड योजना के तहत दिया जा रहा है। आयुष के पिता अनुपम देवा पेशे से इंजीनियर और मां पारुल देवा गृहणी हैं। अनुपम ने बताया कि उनका बेटा शुरू से ही टैलेंटेड है। कक्षा आठ में नेशनल टैलेंट सर्च स्कीम के तहत भी चुना गया था। इस मॉडल को बनाने में पिता के अलावा स्कूल के प्रधानाचार्य आरके पांडेय ने भी गाइड की भूमिका अदा की है। आयुष का सपना है कि वह बड़ा होकर आईटी इंजीनियर बने। ऐसा अविष्कार करे जो सभी के लिए उपयोगी साबित हो। बता दें कि एवार्ड योजना के तहत आयोजित प्रतियोगिता में पूरे देश से 3.10 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। इनमें से 1138 छात्रों का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ था। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में 50 प्रतिभागी चुने गए। उत्तर प्रदेश से आयुष समेत तीन प्रतिभागियों का चयन हुआ है।