पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
वाराणसी। बैंकों में फ्राड करने वालों पर पुलिस और बैंक प्रबंधन मिलकर शिकंजा कसेंगे। केस स्टडी के तौर पर पूर्व की घटनाओं का भी अध्ययन किया जाएगा। साथ ही लूज चेक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। ज्यादातर फ्राड की घटनाएं लूज चेक से हो रही हैं।
तीन जिलों के बैंकों को चूना लगाने वाले मिस्टर ए के नाम से चर्चित व्यक्ति ने पुलिस और बैंकों की नींद उड़ा दी है। जेल में रहने के बाद भी वह पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पुलिस सूत्रों की मानें तो मिस्टर ए का गिरोह पूर्वांचल के कई जिलों में फैला हुआ है। हर जिले में वह इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इस मामले को डीआईजी रेंज ए सतीश गणेश ने गंभीरता से लिया है। बैंक के आला अधिकारियों संग मीटिंग के बाद उन्होंने बैंक और पुलिस अधिकारियों की एक कार्यशाला आयोजित करने का फैसला किया है। इसमें वाराणसी जोन से जुड़े 10 जिलों के एएसपी, सीओ और उप निरीक्षक भाग लेंगे। सभी जिलों के बैंक अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे। हर बैंककर्मी के पास संबंधित पुलिस अधिकारी का नंबर होगा। शक होने पर वह सीधे पुलिस अधिकारी से संपर्क करेगा। सूचना के बाद पुलिस भी जल्द बैंकों में पहुंचेगी। डीआईजी का कहना है कि बैंकों में फ्राड रोकने के उद्देश्य से दस फरवरी को कार्यशाला होगी। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बारीकियों को साझा करेंगे। साइबर एक्सपर्ट भी इसमें भाग लेंगे।
वाराणसी। बैंकों में फ्राड करने वालों पर पुलिस और बैंक प्रबंधन मिलकर शिकंजा कसेंगे। केस स्टडी के तौर पर पूर्व की घटनाओं का भी अध्ययन किया जाएगा। साथ ही लूज चेक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। ज्यादातर फ्राड की घटनाएं लूज चेक से हो रही हैं।
तीन जिलों के बैंकों को चूना लगाने वाले मिस्टर ए के नाम से चर्चित व्यक्ति ने पुलिस और बैंकों की नींद उड़ा दी है। जेल में रहने के बाद भी वह पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। पुलिस सूत्रों की मानें तो मिस्टर ए का गिरोह पूर्वांचल के कई जिलों में फैला हुआ है। हर जिले में वह इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इस मामले को डीआईजी रेंज ए सतीश गणेश ने गंभीरता से लिया है। बैंक के आला अधिकारियों संग मीटिंग के बाद उन्होंने बैंक और पुलिस अधिकारियों की एक कार्यशाला आयोजित करने का फैसला किया है। इसमें वाराणसी जोन से जुड़े 10 जिलों के एएसपी, सीओ और उप निरीक्षक भाग लेंगे। सभी जिलों के बैंक अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे। हर बैंककर्मी के पास संबंधित पुलिस अधिकारी का नंबर होगा। शक होने पर वह सीधे पुलिस अधिकारी से संपर्क करेगा। सूचना के बाद पुलिस भी जल्द बैंकों में पहुंचेगी। डीआईजी का कहना है कि बैंकों में फ्राड रोकने के उद्देश्य से दस फरवरी को कार्यशाला होगी। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बारीकियों को साझा करेंगे। साइबर एक्सपर्ट भी इसमें भाग लेंगे।