वाराणसी। ध्वस्त यातायात व्यवस्था से तंग पूर्वांचल के लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिलने वाली है। इसके लिए ढाई करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पहले चरण के लिए एक करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेज भी दिया गया है।
शासन को भेजे गए प्रस्ताव में सुगम यातायात के साथ अपराध नियंत्रण पर भी ध्यान दिया गया है। योजना के मुताबिक अक्सर लगने वाले जाम की समस्या सुलझाने के लिए लाउड हेलर, फोल्ंिडग मोबाइल बैरियर लगाए जाएंगे। साथ ही रात के समय दिशा नियंत्रकों को देखने लायक बनाने के लिए रेडियम साइनबोर्ड और डेलीनेटर डिवाइडर लगेंगे। वाहनों में लगी काली फिल्म की जांच के लिए टींट मीटर का सहारा लिया जाएगा। इसके अलावा अपराध नियंत्रण और दुर्घटनाओं पर अंकुश के लिए स्पीड ब्रेकर बनेंगे।
पिछले दिनों बनारस आए प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने बनारस सहित पूर्वांचल की ध्वस्त यातायात व्यवस्था से खिन्न होकर आईजी जीएल मीण को इसमें सुधार के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के लिए कहा था। आईजी के निर्देश पर डीआईजी ए. सतीश गणेश ने ढाई करोड़ की योजना तैयार की। इसके बाद आईजी ने पहले चरण में एक करोड़ का प्रस्ताव डीजीपी को भेजा है।
यातायात सुधार की प्रस्तावित योजना में रखे गए संसाधन
जोन के पुलिसकर्मियों को 66 लाउड हेलर और 130 फोल्डिंग मोबाइल बैरियर मिलेंगे
वाहनों की गति को नियंत्रित रखने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनेंगे स्पीड ब्रेकर
काली फिल्म को जांच के लिए 17 टींटमीटर, 300 डेलीनेटर और 100 रेडियम साइन बोर्ड मिलेंगे
जोन के दस जनपदों के लिए 57 सीसी टीवी कैमरा कैमरे का प्रस्ताव
जोन के दस जिलों में सुगम यातायात और अपराध नियंत्रण के लिए आजमगढ़ को 16, वाराणसी को 15, जौनपुर को आठ, चंदौली, मिर्जापुर और मऊ को पांच-पांच, गाजीपुर को चार, सोनभद्र-भदोही को दो-दो और बलिया के लिएएक सीसी टीवी कैमरा सेट प्रस्तावित है। इससे अपराध पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी। एक कैमरे की कीमत 65 हजार रुपये है।
क्या है टींट मीटर
चार पहिया वाहन में लगीं काली फिल्मों की जांच के लिए टींट मीटर का प्रयोग किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों को चेक करने के लिए सख्त रुख अख्तियार किया है। डीआईजी ए. सतीश गणेश के मुताबिक टींट मीटर से काली या अन्य फिल्म की स्थिति जांची जाएगी। टींट मीटर नहीं होने के कारण फिलहाल यह जांच नहीं हो पा रही है।
वाराणसी। ध्वस्त यातायात व्यवस्था से तंग पूर्वांचल के लोगों को जल्द ही इस समस्या से निजात मिलने वाली है। इसके लिए ढाई करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पहले चरण के लिए एक करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेज भी दिया गया है।
शासन को भेजे गए प्रस्ताव में सुगम यातायात के साथ अपराध नियंत्रण पर भी ध्यान दिया गया है। योजना के मुताबिक अक्सर लगने वाले जाम की समस्या सुलझाने के लिए लाउड हेलर, फोल्ंिडग मोबाइल बैरियर लगाए जाएंगे। साथ ही रात के समय दिशा नियंत्रकों को देखने लायक बनाने के लिए रेडियम साइनबोर्ड और डेलीनेटर डिवाइडर लगेंगे। वाहनों में लगी काली फिल्म की जांच के लिए टींट मीटर का सहारा लिया जाएगा। इसके अलावा अपराध नियंत्रण और दुर्घटनाओं पर अंकुश के लिए स्पीड ब्रेकर बनेंगे।
पिछले दिनों बनारस आए प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव ने बनारस सहित पूर्वांचल की ध्वस्त यातायात व्यवस्था से खिन्न होकर आईजी जीएल मीण को इसमें सुधार के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के लिए कहा था। आईजी के निर्देश पर डीआईजी ए. सतीश गणेश ने ढाई करोड़ की योजना तैयार की। इसके बाद आईजी ने पहले चरण में एक करोड़ का प्रस्ताव डीजीपी को भेजा है।
यातायात सुधार की प्रस्तावित योजना में रखे गए संसाधन
जोन के पुलिसकर्मियों को 66 लाउड हेलर और 130 फोल्डिंग मोबाइल बैरियर मिलेंगे
वाहनों की गति को नियंत्रित रखने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनेंगे स्पीड ब्रेकर
काली फिल्म को जांच के लिए 17 टींटमीटर, 300 डेलीनेटर और 100 रेडियम साइन बोर्ड मिलेंगे
जोन के दस जनपदों के लिए 57 सीसी टीवी कैमरा कैमरे का प्रस्ताव
जोन के दस जिलों में सुगम यातायात और अपराध नियंत्रण के लिए आजमगढ़ को 16, वाराणसी को 15, जौनपुर को आठ, चंदौली, मिर्जापुर और मऊ को पांच-पांच, गाजीपुर को चार, सोनभद्र-भदोही को दो-दो और बलिया के लिएएक सीसी टीवी कैमरा सेट प्रस्तावित है। इससे अपराध पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी। एक कैमरे की कीमत 65 हजार रुपये है।
क्या है टींट मीटर
चार पहिया वाहन में लगीं काली फिल्मों की जांच के लिए टींट मीटर का प्रयोग किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों को चेक करने के लिए सख्त रुख अख्तियार किया है। डीआईजी ए. सतीश गणेश के मुताबिक टींट मीटर से काली या अन्य फिल्म की स्थिति जांची जाएगी। टींट मीटर नहीं होने के कारण फिलहाल यह जांच नहीं हो पा रही है।