वाराणसी। कभी खरगोश अपनी लापरवाही से दौड़ में कछुआ से पिछड़ गया होगा लेकिन अब यह कहानी बदल गई है। बदलते युग में खरगोश ने चालाकी बरती और एमबीए पास कर गया। इसकी देखादेखी कछुआ भी यह परीक्षा पास कर लिया। बदलते युग में कैरियर को लेकर असमंजस में पड़े छात्र-छात्राआें को यह कहानी सुनाने हुए प्रसिद्ध काउंसलर जितिन चावला ने अमर उजाला द्वारा सांस्कृतिक संकुल चौकाघाट में आयोजित लक्ष्य - 2012 कार्यक्रम में ये बातें कही। कैरियर के प्रति गंभीर छात्राें और उनके अभिभावकाें की भीड़ दिखी। शनिवार को भी सुबह 11 बजे से शाम सात बजे तक कार्यक्रम चलेगा। उन्होंने कहा कि बनारस में चौथी बार कैरियर काउंसिलिंग कार्यक्रम में भाग लेने आया हूं लेकिन यहां कोई छात्र नहीं कहता है कि मैं होटल मैनेजमेंट, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक सेवा, विज्ञापन के क्षेत्र में कैरियर बनाऊंगा। उन्हाेंने कोर्स के अनुसार छात्राें को यह सलाह दी।
होटल मैनेजमेंट : ग्रेजुएशन के बाद कोर्स कर या सीधे इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। इस क्षेत्र में आने वाले छात्राें को इगो नहीं रखना चाहिए क्याेंकि यह उनके कैरियर के लिए घातक होगा। होटलाें में रिसेप्शन, टूरिज्म, प्रबंधक, कमराें की रखरखाव, सफाई जैसे कार्य मिल सकते हैं। सालाना पैकेज भी अच्छा मिलता है।
मनोवैज्ञानिक : इस क्षेत्र में कैरियर बनाने वाले बहुत कम छात्र होते हैं। ग्रेजुएशन कर इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। बड़ी कंपनियों में एचआर के पद, स्कूलाें में काउंसलर और चिकित्सा क्षेत्र में रोजगार मिल सकता है।
सामाजिक सेवा : यह भी क्षेत्र अधिकांश छात्राें को पसंद नहीं होता है। इसमें भी काफी संभावनाएं हैं। बीएसडब्लू और समाज शास्त्र से स्नातक किए छात्राें को एनजीओ और मल्टी परपज संस्थाआें में रोजगार मिल सकता है।
टीचिंग : इसमें कोई खास डिग्री भी नहीं होगी तो छात्र अपना कैरियर बना सकते हैं जबकि उच्च डिग्री लेने वालाें के पास रोजगार के कई आप्शन होते हैं। विशेष योग्यता नहीं रखने वाले प्ले स्कूल और कोचिंग संस्थानाें में कैरियर बना सकते हैं, जबकि नेट और पीएचडी कर कालेज और विश्वविद्यालयाें में शिक्षक हो सकते हैं।
टूरिज्म : इस क्षेत्र में भी छात्र-छात्राएं कैरियर बना सकते हैं। आईआईटीटीएम, नई दिल्ली, भुवनेश्वर से कोर्स करने के बाद सरकारी या निजी बड़ी कंपनियाें में रोजगार मिल सकता है। गाइड का भी काम काफी लाभदायक है।
मैनेजमेंट : जो छात्र 12वीं में पढ़ रहे हैं या पास कर चुके हैं उनके लिए आईआईएम इंदौर और सेंट्रल विश्वविद्यालय से बीबीए, बीबीएस कोर्स करना काफी लाभदायक होगा। दोनों संस्थाआें में अच्छी पढ़ाई हो रही है, जिससे रोजगार के भी अवसर भी अच्छे हैं।
चार्टेड एकाउंटेंट : अच्छे संस्थान से कोर्स करने के बाद बड़े औद्योगिक संस्थानाें और कंपनी सेक्रेटी जैसे पदाें पर तैनाती हो सकती है। अच्छे संस्थानाें में अच्छा पैकेज भी है।
बैंकिंग : इस क्षेत्र में कैरियर तलाशने वाले छात्र प्राय: पीओ बनने का सपना देखते हैं लेकिन यह जरूरी है कि वे बैंकाें के ट्रेंड को समझें। कई बैंक अब कुछ संस्थानाें से मिलकर कोर्स करा रहे हैं जैसे आईसीआईसीआई और माहे, बैंक आफ बड़ौदा तथा सेंचुरियन बैंक एक वर्षीय कोर्स का संचालन करा रहे हैं, जो कैरियर के हिसाब से काफी लाभप्रद हैं।
सिविल सर्विसेज: जिन छात्राें की एकेडमी पढ़ाई अच्छी नहीं हो, वे इस क्षेत्र में कैरियर न बनाए क्याेंकि यह उनके लिए रिस्क होगा। इसमें अधिक अध्ययन और समय की जरूरत है। प्रोफेशनल कोर्स के साथ इसकी तैयारी करें तो अच्छा होगा।
विधि: इस क्षेत्र में इंटर के बाद पांच साल का इंडिग्रेटेड कोर्स (एलएलबी) और स्नातक के बाद तीन साल का कोर्स (एलएलबी) कर सकते हैं। पहले यह धारणा थी कि कोर्स करने के बाद छात्र कोर्ट में जाने का सपना देखता था लेकिन अब कंपनियां डिमांड कर रही हैं। विधि सलाहकार और एलपीओ (लिगल प्रोसेसिंग आउटसोर्सिगिं) के पद पर तैनाती हो सकती है।
अंग्रेजी शब्दों का मतलब पूछ लिया टेस्ट
वाराणसी। जितिन चावला ने सभागार में उपस्थित छात्र-छात्राआें का आईक्यू भी टेस्ट किया। इसके लिए उन्हाेंने अंग्रेजी के 10 शब्दों का मीनिंग पूछा लेकिन लगभग दो सौ छात्राें में से सिर्फ तीन ने केवल दो शब्दाें का अर्थ बता पाए। पूछा भारत के वित्तमंत्री कौन है तो पूरे सभागार में एक स्वर से आवाज आई प्रणव मुखर्जी। फिर उन्हाेंने हाल में बैठे एक छात्र और एक छात्रा का नाम लेकर एक प्रश्न किया, जिस पर छात्र लड़खड़ा गए। पूछा कि अमन का वेतन अंजलि से 10 प्रतिशत अधिक है तो अंजलि का वेतन अमन से कितना कम है। कोई दस, कोई पांच तथा कोई 20 प्रतिशत बताया। बाद में उन्हाेंने बताया कि इसका सही उत्तर है 9.09 प्रतिशत।
वाराणसी। कभी खरगोश अपनी लापरवाही से दौड़ में कछुआ से पिछड़ गया होगा लेकिन अब यह कहानी बदल गई है। बदलते युग में खरगोश ने चालाकी बरती और एमबीए पास कर गया। इसकी देखादेखी कछुआ भी यह परीक्षा पास कर लिया। बदलते युग में कैरियर को लेकर असमंजस में पड़े छात्र-छात्राआें को यह कहानी सुनाने हुए प्रसिद्ध काउंसलर जितिन चावला ने अमर उजाला द्वारा सांस्कृतिक संकुल चौकाघाट में आयोजित लक्ष्य - 2012 कार्यक्रम में ये बातें कही। कैरियर के प्रति गंभीर छात्राें और उनके अभिभावकाें की भीड़ दिखी। शनिवार को भी सुबह 11 बजे से शाम सात बजे तक कार्यक्रम चलेगा। उन्होंने कहा कि बनारस में चौथी बार कैरियर काउंसिलिंग कार्यक्रम में भाग लेने आया हूं लेकिन यहां कोई छात्र नहीं कहता है कि मैं होटल मैनेजमेंट, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक सेवा, विज्ञापन के क्षेत्र में कैरियर बनाऊंगा। उन्हाेंने कोर्स के अनुसार छात्राें को यह सलाह दी।
होटल मैनेजमेंट : ग्रेजुएशन के बाद कोर्स कर या सीधे इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। इस क्षेत्र में आने वाले छात्राें को इगो नहीं रखना चाहिए क्याेंकि यह उनके कैरियर के लिए घातक होगा। होटलाें में रिसेप्शन, टूरिज्म, प्रबंधक, कमराें की रखरखाव, सफाई जैसे कार्य मिल सकते हैं। सालाना पैकेज भी अच्छा मिलता है।
मनोवैज्ञानिक : इस क्षेत्र में कैरियर बनाने वाले बहुत कम छात्र होते हैं। ग्रेजुएशन कर इस क्षेत्र में कैरियर बनाया जा सकता है। बड़ी कंपनियों में एचआर के पद, स्कूलाें में काउंसलर और चिकित्सा क्षेत्र में रोजगार मिल सकता है।
सामाजिक सेवा : यह भी क्षेत्र अधिकांश छात्राें को पसंद नहीं होता है। इसमें भी काफी संभावनाएं हैं। बीएसडब्लू और समाज शास्त्र से स्नातक किए छात्राें को एनजीओ और मल्टी परपज संस्थाआें में रोजगार मिल सकता है।
टीचिंग : इसमें कोई खास डिग्री भी नहीं होगी तो छात्र अपना कैरियर बना सकते हैं जबकि उच्च डिग्री लेने वालाें के पास रोजगार के कई आप्शन होते हैं। विशेष योग्यता नहीं रखने वाले प्ले स्कूल और कोचिंग संस्थानाें में कैरियर बना सकते हैं, जबकि नेट और पीएचडी कर कालेज और विश्वविद्यालयाें में शिक्षक हो सकते हैं।
टूरिज्म : इस क्षेत्र में भी छात्र-छात्राएं कैरियर बना सकते हैं। आईआईटीटीएम, नई दिल्ली, भुवनेश्वर से कोर्स करने के बाद सरकारी या निजी बड़ी कंपनियाें में रोजगार मिल सकता है। गाइड का भी काम काफी लाभदायक है।
मैनेजमेंट : जो छात्र 12वीं में पढ़ रहे हैं या पास कर चुके हैं उनके लिए आईआईएम इंदौर और सेंट्रल विश्वविद्यालय से बीबीए, बीबीएस कोर्स करना काफी लाभदायक होगा। दोनों संस्थाआें में अच्छी पढ़ाई हो रही है, जिससे रोजगार के भी अवसर भी अच्छे हैं।
चार्टेड एकाउंटेंट : अच्छे संस्थान से कोर्स करने के बाद बड़े औद्योगिक संस्थानाें और कंपनी सेक्रेटी जैसे पदाें पर तैनाती हो सकती है। अच्छे संस्थानाें में अच्छा पैकेज भी है।
बैंकिंग : इस क्षेत्र में कैरियर तलाशने वाले छात्र प्राय: पीओ बनने का सपना देखते हैं लेकिन यह जरूरी है कि वे बैंकाें के ट्रेंड को समझें। कई बैंक अब कुछ संस्थानाें से मिलकर कोर्स करा रहे हैं जैसे आईसीआईसीआई और माहे, बैंक आफ बड़ौदा तथा सेंचुरियन बैंक एक वर्षीय कोर्स का संचालन करा रहे हैं, जो कैरियर के हिसाब से काफी लाभप्रद हैं।
सिविल सर्विसेज: जिन छात्राें की एकेडमी पढ़ाई अच्छी नहीं हो, वे इस क्षेत्र में कैरियर न बनाए क्याेंकि यह उनके लिए रिस्क होगा। इसमें अधिक अध्ययन और समय की जरूरत है। प्रोफेशनल कोर्स के साथ इसकी तैयारी करें तो अच्छा होगा।
विधि: इस क्षेत्र में इंटर के बाद पांच साल का इंडिग्रेटेड कोर्स (एलएलबी) और स्नातक के बाद तीन साल का कोर्स (एलएलबी) कर सकते हैं। पहले यह धारणा थी कि कोर्स करने के बाद छात्र कोर्ट में जाने का सपना देखता था लेकिन अब कंपनियां डिमांड कर रही हैं। विधि सलाहकार और एलपीओ (लिगल प्रोसेसिंग आउटसोर्सिगिं) के पद पर तैनाती हो सकती है।
अंग्रेजी शब्दों का मतलब पूछ लिया टेस्ट
वाराणसी। जितिन चावला ने सभागार में उपस्थित छात्र-छात्राआें का आईक्यू भी टेस्ट किया। इसके लिए उन्हाेंने अंग्रेजी के 10 शब्दों का मीनिंग पूछा लेकिन लगभग दो सौ छात्राें में से सिर्फ तीन ने केवल दो शब्दाें का अर्थ बता पाए। पूछा भारत के वित्तमंत्री कौन है तो पूरे सभागार में एक स्वर से आवाज आई प्रणव मुखर्जी। फिर उन्हाेंने हाल में बैठे एक छात्र और एक छात्रा का नाम लेकर एक प्रश्न किया, जिस पर छात्र लड़खड़ा गए। पूछा कि अमन का वेतन अंजलि से 10 प्रतिशत अधिक है तो अंजलि का वेतन अमन से कितना कम है। कोई दस, कोई पांच तथा कोई 20 प्रतिशत बताया। बाद में उन्हाेंने बताया कि इसका सही उत्तर है 9.09 प्रतिशत।