श्रीनगर। उत्तराखंड की नदियों पर बन रही बिजली परियोजनाओं का विरोध कर रहे और गंगा की अविरलता व निर्मलता के लिए आंदोलन करने वाले प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद को पुलिस प्रशासन ने एक बार फिर दिल्ली रवाना कर दिया है। वे दो दिनों से लक्ष्मोली में अपने मित्र डा. भरत झुनझुनवाला के यहां रह रहे थे। स्वामी सानंद को शुक्रवार शाम करीब पौने छह बजे पुलिस प्रशासन ने जबरन उठा लिया। बताया गया कि उनके यहां रहने से क्षेत्र में शांतिभंग होने की आशंका है। डीएम रंजीत सिन्हा ने बताया कि शासन के निर्देश पर स्वामी सानंद को दिल्ली स्थित एम्स ले जाया गया है।
स्वामी सानंद बीते बुधवार को दिल्ली के एम्स से गोपनीय तरीके से निकल कर अपने मित्र डा. भरत झुनझुनवाल के घर लक्ष्मोली पहुंचे थे। तभी से झुनझुनवाला के घर पुलिस का सख्त पहरा था। भवन के समीप लगभग 30 पुलिस कांस्टेबल वर्दी में और करीब 30 पुलिस वाले सादे लिबास में पहरा दे रहे थे। बृहस्पतिवार को कुछ लोगों ने सानंद के विरोध में प्रदर्शन भी किया था। शुक्रवार शाम लगभग पौने छह बजे टिहरी पुलिस, प्रशासन और एलआईयू की टीम सानंद को उठाने पहुंची। नायब तहसीलदार धनीराम के साथ गए पुलिस बल ने स्वामी सानंद के लक्ष्मोली में रहने पर शांति व्यवस्था बिगड़ने की बात कही। इस पर स्वामी सानंद ने कहा कि उन्हें श्रीनगर छोड़ दिया जाए, वहां से वह खुद ही चले जाएंगे। प्रशासन ने उनकी बात मान ली लेकिन जैसे ही स्वामी सानंद सड़क तक पहुंचे पुलिस ने उन्हें जबरन उठाकर एंबुलेंस में बैठा लिया और दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
जिलाधिकारी डा. रंजीत सिन्हा ने बताया कि शासन से मिले निर्देशों के आधार पर स्वामी सानंद को दिल्ली ले जाने का निर्णय लिया गया है। कहा कि स्वामी सानंद के इस क्षेत्र में रहने से शांति व्यवस्था बिगड़ने के आसार थे। इसलिए उन्हें उपजिलाधिकारी कीर्तिनगर रामजीशरण शर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी दयानंद जोशी की देखरेख और चिकित्सकों की मौजूदगी में दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाया गया है।