वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में बीएड की प्रवेश परीक्षा में सफलता न मिलने से निराश वसंत कन्या महाविद्यालय की छात्रा सारिका जायसवाल ने बुधवार की रात फांसी लगाकर जान दे दी। हालांकि उसके कमरे से न तो सुसाइड नोट मिला है और न ही किसी को इसकी भनक तक लगी। पुलिस ने सिद्धगिरीबाग स्थित कामाख्या छात्रावास का दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू कर दी है।
मिर्जापुर के अहरौरा निवासी गोविंद जायसवाल कबाड़ व्यवसायी हैं। उनके चार बच्चे हैं। तीसरे नंबर की बेटी 21 वर्षीय सारिका जायसवाल वसंत कन्या महाविद्यालय से बीए (तृतीय) वर्ष की पढ़ाई कर रही है। वह तीन सालों से सिद्धगिरीबाग स्थित कामाख्या छात्रावास के कमरा नंबर 107 में रहती थी। बुधवार की शाम सारिका ने छात्रावास में अपनी सहेलियों के साथ खाना खाया और फिर खाली पड़े कमरा नंबर 102 में जाकर सो गई। उधर, गुरुवार की सुबह करीब साढ़े छह बजे सारिका की सहेली आशा उसे जगाने पहुंची। उसने कई बार दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज न आने पर वह परेशान हो गई। उसने खिड़की से झांककर अंदर देखा तो उसके पांव तले जमीन खिसक गई। सारिका दुपट्टे के सहारे पंखे से लटक रही थी। फांसी लगाने के लिए उसने चौकी पर टेबल रख फंदा बनाया था। इस घटना से हतप्रभ छात्राओं ने तत्काल इसकी सूचना हास्टल संचालक दिग्विजय सिंह को दी। उन्होंने पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची लक्सा पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला।
सारिका के साथ रहने वाली छात्राओं का कहना था कि बुधवार की रात कुछ भी ऐसा नहीं हुआ जिससे लगे कि सारिका इतना बड़ा कदम उठा लेगी। मौके पर पहुंचे पिता गोविंद जायसवाल का कहना है फोन से रोज बेटी से बात होती थी। कभी ऐसा लगा ही नहीं कि उसे कोई परेशानी थी। हां, बीएचयू बीएड का इंट्रेंस न निकाल पाने से वह नर्वस जरूर थी। उसके बीए के पेपर भी अच्छे नहीं हुए थे। लक्सा थानाध्यक्ष का कहना था कि छात्रा के पिता ने कोई आरोप नहीं लगाया है। फिर भी मामले की जांच की जा रही है।