वाराणसी। भाजपा सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था बेकाबू हो गई है। रुपये का अवमूल्यन हो रहा है। विदेशी मुद्रा का भंडार घट रहा है। राजकोषीय घाटा और बेरोजगारी बढ़ रही है। उन्होंने अर्थव्यवस्था के मॉडल को गलत ठहराते हुए कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार को इस मुद्दे पर देश को भरोसे में लेना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार लकवाग्रस्त को बताया और कहा कि यह कितने दिन चलेगी, कहा नहीं जा सकता।
मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशों में जमा काले धन के मामले में सरकार की ओर से जारी श्वेत पत्र सादा कागज है। इसमें न तो यह बताया गया कि किन लोगों के पैसे जमा हैं और न ही इसकी जानकारी दी गई कि कितनी राशि विदेशी बैंकों में जमा है। इसकी भी जानकारी नहीं दी गई कि यह राशि कब तक देश में लाई जाएगी। कुल मिलाकर श्वेत पत्र में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने छोटे-छोटे उद्योग धंधों का जाल बिछाकर तथा फूड प्रोसेसिंग पर ध्यान देकर रोजगार की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने की सलाह दी।
डा. जोशी ने देश की सुरक्षा पर भी चिंता जताई और कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति पर गठित कमेटी की रिपोर्ट को सरकार प्रसारित करने में लगी है, जबकि इससे अलगाववादी ताकतों को बल मिलेगा। इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया जाना चाहिए। ऐसी कोई बात स्वीकार नहीं की जानी चाहिए जिससे अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि मजहब आधारित आरक्षण उचित नहीं है। एक प्रश्न के जवाब में उनका कहना था कि गंगा के हल के लिए आम सहमति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि पेट्रोल कीमतों की बढ़ोतरी पर 31 मई को राजग ने बंद का आह्वान किया है। इसे वामदलों तथा समाजवादी पार्टी का भी समर्थन है। उन्होंने बंद को सफल बनाकर यह जनसंदेश देने की अपील की कि सरकार का यह फैसला आम जन के विरुद्ध है।