वाराणसी। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के एम्स से प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ ज्ञानस्वरूप सानंद के चकमा देकर फरार होने से गंगा आंदोलन पर नई धार चढ़ने के आसार हैं। इस बार फिर वे अपने शिष्य अर्जुन यादव के साथ गुप्त स्थान के लिए निकले हैं। वह कब तक और किस जगह पहुंचेंगे इसकी जानकारी फिलहाल गंगा सेवा अभियानम से जुड़े उनके करीबियों तक को भी नहीं है। पता चला है कि पुलिस से बचने के लिए उन्होंने फोन या ऐसे किसी माध्यम का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया है। वैसे कुछ लोगों ने संभावना जताई है कि सानंद अबकी चुपचाप अलकनंदा घाटी जा सकते हैं। इस बीच गंगा सेवा अभियानम ने कबीरचौरा अस्पताल में आपात बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की है। अभियानम के सार्वभौम संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तरांचल सरकार से मांग की है कि वह शीघ्र बताए कि सानंद कहां गए हैं।
हरिद्वार में गिरफ्तार कर एम्स ले जाए गए स्वामी सानंद के भागने की घटना से गंगा सेवा अभियानम के शीर्ष पदाधिकारी भी सन्न हैं। अभियानम के राष्ट्रीय प्रमुख के तौर पर वह खुद गंगा तपस्या की कमान संभाल रहे थे। अभियानम के सार्वभौम संयोजक और अपने गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की आज्ञा के विपरीत वह पिछले दिनों विद्यामठ में कंठी-माला व संन्यासी वस्त्र उतार कर शिष्य अर्जुन के साथ हरिद्वार चले गए थे। अभियानम से जुड़े एक सदस्य ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि एम्स से भागने के बाद सानंद ने शिष्य अर्जुन के माध्यम से कुछ लोगों से संपर्क कर इस बात की हिदायत दी है कि वह अब उनसे फोन पर संपर्क न करें। फोन से बातचीत करने पर पुलिस उन्हें मकसद में कामयाब नहीं होने देगी। पता चला है कि दिल्ली पुलिस से बचकर वह फिर हरिद्वार होते हुए अलकनंदा के सर्वेक्षण के लिए श्रीनगर बांध परियोजना जा सकते हैं। गौरतलब है कि हाल में ही उन्होंने धमकी दी थी कि अगर अविरलता के मसले पर केंद्र नहीं माना और तपस्या में विघ्न डाला जाता रहा तो वे अलकनंदा नदी में छलांग लगाकर जल समाधि ले लेंगे। एम्स से उनके भागने के बाद अब फिर उनकी धमकी को लेकर हड़कंप मचा है।
वाराणसी। गिरफ्तारी के बाद दिल्ली के एम्स से प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ ज्ञानस्वरूप सानंद के चकमा देकर फरार होने से गंगा आंदोलन पर नई धार चढ़ने के आसार हैं। इस बार फिर वे अपने शिष्य अर्जुन यादव के साथ गुप्त स्थान के लिए निकले हैं। वह कब तक और किस जगह पहुंचेंगे इसकी जानकारी फिलहाल गंगा सेवा अभियानम से जुड़े उनके करीबियों तक को भी नहीं है। पता चला है कि पुलिस से बचने के लिए उन्होंने फोन या ऐसे किसी माध्यम का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया है। वैसे कुछ लोगों ने संभावना जताई है कि सानंद अबकी चुपचाप अलकनंदा घाटी जा सकते हैं। इस बीच गंगा सेवा अभियानम ने कबीरचौरा अस्पताल में आपात बैठक बुलाकर हालात की समीक्षा की है। अभियानम के सार्वभौम संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तरांचल सरकार से मांग की है कि वह शीघ्र बताए कि सानंद कहां गए हैं।
हरिद्वार में गिरफ्तार कर एम्स ले जाए गए स्वामी सानंद के भागने की घटना से गंगा सेवा अभियानम के शीर्ष पदाधिकारी भी सन्न हैं। अभियानम के राष्ट्रीय प्रमुख के तौर पर वह खुद गंगा तपस्या की कमान संभाल रहे थे। अभियानम के सार्वभौम संयोजक और अपने गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की आज्ञा के विपरीत वह पिछले दिनों विद्यामठ में कंठी-माला व संन्यासी वस्त्र उतार कर शिष्य अर्जुन के साथ हरिद्वार चले गए थे। अभियानम से जुड़े एक सदस्य ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि एम्स से भागने के बाद सानंद ने शिष्य अर्जुन के माध्यम से कुछ लोगों से संपर्क कर इस बात की हिदायत दी है कि वह अब उनसे फोन पर संपर्क न करें। फोन से बातचीत करने पर पुलिस उन्हें मकसद में कामयाब नहीं होने देगी। पता चला है कि दिल्ली पुलिस से बचकर वह फिर हरिद्वार होते हुए अलकनंदा के सर्वेक्षण के लिए श्रीनगर बांध परियोजना जा सकते हैं। गौरतलब है कि हाल में ही उन्होंने धमकी दी थी कि अगर अविरलता के मसले पर केंद्र नहीं माना और तपस्या में विघ्न डाला जाता रहा तो वे अलकनंदा नदी में छलांग लगाकर जल समाधि ले लेंगे। एम्स से उनके भागने के बाद अब फिर उनकी धमकी को लेकर हड़कंप मचा है।