वाराणसी। रथयात्रा स्थित एचडीएफसी बैंक से पांच लाख रुपये लेकर जा रहे राइस मिल कर्मचारी की बाइक पंचर कर उचक्कों ने पांच लाख रुपये से भरा बैग उड़ा दिया। घटना सिगरा चौराहे पर हुई उचक्कागिरी के बाद भुक्तभोगी ने बाइक मैकेनिक के साथ उसका पीछा भी किया, लेकिन दोनों उचक्के निकल भागे। पुलिस बैंक से क्लोज सर्किट का फुटेज लेकर उचक्कों की तलाश में जुटी है। इसके पूर्व सोमवार को भी उचक्कों ने विंध्यवासिनी नगर कालोनी के पास एक शिक्षक के 65 हजार रुपये उड़ा दिए थे।
चंदुआ छित्तूपुर निवासी राकेश कुमार सिंह मोहनिया स्थित मां दुर्गा फूड्स कंपनी का चावल बेचकर रथयात्रा स्थित एचडीएफसी में पैसा जमा करता है, मगर बुधवार की दोपहर वह रथयात्रा स्थित बैंक से पांच लाख रुपये निकालने पहुंचा। यहां से रुपये लेने के बाद उसने बैग में रखा और मोहनिया जाने के लिए बाइक पर सवार होकर चल दिया। जब वह नटराज टाकिज के पास पहुंचा तो उसकी गाड़ी का अगला पहिया पंचर हो गया। उसकी गाड़ी उचक्कों ने पंचर की थी, इससे अंजान राकेश अपनी गाड़ी लेकर सिगरा चौराहे पर बाइक मेकेनिक सोनू सरोज की दुकान पर पहुंचा। गाड़ी बनवाते समय राकेश ने रुपयों से भरा बैग वहीं कुर्सी पर रख दिया। उधर पहले से मौके की ताक में रहे दो उचक्के भी कुछ देर में बाइक से वहां पहुंच गए। उन्होंने मेकेनिक से बाइक की चेन टाइट करने को कहा। इस बीच मुंह पर गमछा बांधे एक उचक्का कुर्सी पर रखा पांच लाख रुपये से भरा बैग लेकर भागने लगा। मैकेनिक सोनू बाइक का पंचर बना रहा था और उसे यह मालूम भी नहीं था कि बैग में रुपये हैं। बैग लेकर भागते समय भुक्तभोगी से मिली जानकारी के आधार पर सोनू ने भी उचक्के का कुछ दूर तक पैदल पीछा भी किया, लेकिन वे बाइक से महमूरगंज की तरफ भाग निकले। घटनास्थल के सामने पिकेट पुलिस मौजूद थी। राकेश ने उन्हें भी सूचना दी, मगर तब तक देर हो चुकी थी।
इधर, घटना की सूचना मिलने पर सीओ कैंट दिनेश कुमार सिंह और एसपी सिटी संतोष सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। मौका मुआयना के दौरान पता चला कि बाइक में पंचर स्वत: नहीं हुआ बल्कि किया गया था क्योंकि पहिया के साइड में सुई से किए गए दो छिद्र पाए गए। अधिकारियों ने बैंक से क्लोज सर्किट का फुटेज भी मंगाया ताकि उचक्कों की पहचान की जा सके।