वाराणसी। मेयर पद के चुनाव के लिए विभिन्न दलों में दावेदार जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं। भाजपा चौका लगाने को बेताब है तो विधानसभा चुनाव में परचम लहराने के बाद सपा के हौसले बुलंद हैं। वह भाजपा से इस सीट को छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। कांग्रेस केंद्र सरकार की उपलब्धियों की बदौलत मैदान मारने की फिराक में है।
मेयर सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने के बाद दावेदारों की संख्या स्वाभाविक रूप से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। ज्ञात हो कि पिछले 15 वर्षों से मेयर की कुर्सी पर भाजपा का कब्जा है। वर्ष 1995 में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह की पत्नी सरोज सिंह, वर्ष 2000 में पूर्व मंत्री अमरनाथ यादव तथा वर्ष 2005 में कौशलेंद्र सिंह ने कब्जा किया था।
भाजपा में टिकट के लिए मारामारी
वाराणसी। मेयर चुनाव के लिए भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त है। हर कोई टिकट पाने के लिए दिल्ली और लखनऊ में गणेश परिक्रमा कर रहा है। पार्टी इस सीट पर चौका लगाने के लिए पूरी स्क्रीनिंग के बाद ही प्रत्याशी की घोषणा करेगी। इसके लिए जल्द ही पर्यवेक्षक भेजे जाएंगे। भाजपा को भरोसा है कि मजबूत संगठन तथा कार्यकर्ताओं की बदौलत इस बार भी वह पद पर विजय पताका लहराने में सफल होगी।
आरक्षण में सामान्य सीट हो जाने के बाद अब तक जो नाम सामने आए हैं उनमें राधेमोहन त्रिपाठी, अजय त्रिवेदी, अजय सिंह, पूर्व डिप्टी मेयर संजय राय, सुधीर मिश्र, मौजूदा मेयर कौशलेंद्र सिंह, पूर्व एमएलसी अशोक धवन, पूर्व महानगर अध्यक्ष रामगोपाल मोहले, देवेंद्र सिंह, सुजीत सिंह टीका सहित दर्जन भर लोग शामिल हैं। कुछ लोगों ने लिखित तो कुछ ने मौखिक रूप से प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष दावेदारी की है। बनारस के सांसद डा. मुरली मनोहर जोशी के समक्ष भी दावेदार अपनी मजबूत पैरवी करने में जुटे हैं। सूत्रों का कहना है कि एक दावेदार के समर्थन में संघ परिवार से नाता रखने वाले दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार तथा एक पूर्व सांसद लगे हुए हैं।
सपा में भी टिकट की दौड़ में कई
वाराणसी। समाजवादी पार्टी में टिकट की दौड़ में कई नए नाम भी हैं। पूर्व महानगर अध्यक्ष कन्हैया लाल गुप्ता, शतरुद्र प्रकाश, पूर्व जिलाध्यक्ष गोपाल यादव, विनोद गुप्ता, अनिल जैन, पूर्व महानगर अध्यक्ष पारसनाथ जायसवाल टिकट मांगने वालों में शामिल हैं। महानगर अध्यक्ष डा. ओपी सिंह, की भी दावेदारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसकी भरपाई वह नगर निगम चुनाव में करेगी। इसके अलावा सनबीम स्कूल समूह के दीपक मधोक के नाम की भी चर्चा है।
कांग्रेस को केंद्र की उपलब्धियों पर भरोसा
वाराणसी। कांग्रेस में मेयर पद के चुनाव में टिकट पाने के लिए कई लोग लाइन में लगे हुए हैं। अब तक जो नाम उभरकर सामने आए हैं उनमें उद्यमी राजेंद्र गोयनका, डा. अशोक कुमार सिंह, धर्मेंद्र सिंह और रत्नाकर त्रिपाठी शामिल हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दावेदारों को पूरी कसौटी पर कसने के बाद ही टिकट वितरित किया जाएगा। उनका मानना है कि भले ही विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बनारस में बेहतरीन प्रदर्शन न किया हो लेकिन केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बल पर मेयर पद पर कब्जा करने की रणनीति बनाई जाएगी।