वाराणसी। कबीर चौरा अस्पताल में भर्ती तपस्यारत साध्वी शारदांबा और पूर्णांबा ने गंगा की उपेक्षा पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। दोनों का कहना था कि अन्न-जल त्याग कर तपस्या कर रहे तपस्वियों की सुध न लेना सरकारी की संवेदनहीनता को दर्शाता है। दोनों साध्वियों ने अपनी तपस्या भंग होने के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार को दोषी करार दिया और कहा कि साधु-संतों की परवाह न करना केंद्र सरकार के लिए भारी पड़ेगा।
बातचीत में शारदांबा और पूर्णांबा ने प्रधानमंत्री तक को आलोचना के केंद्र में रखा और कहा कि तपस्वियों का अभिशाप नहीं लेना चाहिए। गंगा के प्रति निष्ठुरता दिखाने वाली सरकार का भगवान ही मालिक है। उन्होंने गंगा की निर्मलता और अविरलता की परवाह न करने वाली सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र को पछताना पड़ेगा। शारदांबा ने पुराणों का हवाला देते हुए कहा कि राजतंत्र में यदि कोई संत बिना अन्न-जल के तपस्या करता था तो राजा को दोषी माना जाता था वैसा ही प्रजातंत्र में हो रहा है। इस हालात में प्रधानमंत्री भी दोषी हुए। साधु समाज उनके इस कृत्य को कभी माफ नहीं करेगा। उधर, गंगा सेवा अभियानम् के सार्वभौम संयोजक अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी श्री शंकराचार्य घाट पर अविछिन्न गंगा सेवा सप्ताह के 129वें दिन विमर्श के दौरान धर्मशास्त्रों के हवाले से कहा कि यदि किसी परम पुनीत लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कोई भी व्यक्ति निर्जल रहते हुए लगातार सात सूर्योदय देख लेता है तो राजा को उसकी हत्या का पाप लग जाता है। साध्वी शारदांबा ने अनवरत आठ सूर्योदय निर्जल देखा है। ऐसे में देश के राजा (पीएम) भी दोषी हो गए।
इन्सेट
तपस्यारत साधु-साध्वी की हालत स्थिर
वाराणसी। गंगा के लिए कबीर चौरा अस्पताल में जल त्याग कर तपस्या कर रहे साधु-संत और साध्वियों की हालत स्थित है। मंगलवार को सुबह चिकित्सकों ने उनकी जांच की। मंगलवार को अस्पताल में भर्ती गंगा प्रेमी भिक्षु जहां श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करते रहे वहीं ब्रह्मचारी कृष्ण प्रियानंद गंगा की दुर्दशा पर चिंतित दिखे। अस्पताल के वातानुकूलित कक्ष में तपस्या कर रहीं शारदांबा और पूर्णांबा की हालत सामान्य है। सोमवार को शारदांबा को लो शुगर के चलते अस्पताल लाया गया था। इसके कुछ देर बाद ही पूर्णांबा की हालत बिगड़ गई थी। बाद में उपचार के बाद वह सामान्य हो गईं।
----
नागनाथ प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट
वाराणसी। अस्पताल प्रशासन ने तपस्वी वार्ड में तपस्या कर रहे बाबा नागनाथ को प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित कर दिया है। तपस्वी वार्ड में आ रही परेशानियों को देखते हुए बाबा नागनाथ के आग्रह पर ऐसा किया गया।