रोहित गिरफ्तार, गणेश समेत तीन की तलाश
चश्मदीद कंपाउंडर को भी बदमाशों ने दौड़ाया था
काजू ने हमलवारों से अंतिम सांस तक किया था मुकाबला
एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
अमर उजाला ब्यूरो
वाराणसी। मंडुआडीह थाना क्षेत्र के चितईपुर (बरईपुर) में पंद्रह मई को हुई काजू की हत्या का खुलासा लगभग हो गया है। ट्रैक्टर चालक काजू की हत्या बकाए के विवाद को लेकर हुई थी। काजू ने अपने एक परिचित की बैट्री की दुकान से उधार में ट्रैक्टर की बैट्री खरीदी थी। बकाए मांगने को लेकर दुकानदार और काजू में कई बार जिच हुई थी। इसी के विवाद में दुकानदार ने अपने चार साथियों संग काजू को मौत के घाट उतार था। पुलिस एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। तीन की तलाश की जा रही है।
गोरखपवुर के सहजनवां का रहने वाला काजू चितईपुर में कटरा मालिक पप्पू के यहां रहता था। काजू कटरा मालिक पप्पू का ट्रैक्टर चलाता था। भट्ठे से ईंट खरीदकर मंडी में बेचता था। काजू ने कुछ दिनों पूर्व चितईपुर के पास बैट्री के दुकानदार गणेश के यहां से ट्रैक्टर की बैट्री खरीदी थी। काजू ने कुछ पैसे दिए तो कुछ बकाया किया था। गणेश ने कई बार पैसे मांगे लेकिन काजू कोई न कोई बहाना कर बात को टाल देता था। गणेश और काजू साथ में ही शराब पीते थे। गणेश मूल रूप से चंदौली का रहने वाला है। गणेश पंद्रह मई की रात योजनाबद्ध तरीके से अपने भाई महेश, दोस्त नारायणपुर निवासी रोहित समेत चार लोगों के साथ कटरे पर पहुंच था। कटरे के बाहर सभी ने एक साथ शराब पी। शराब पीने के दौरान ही चारो ने काजू पर हमला कर दिया। काजू ने भी हमलावारों का कुछ देर तक डट कर मुकाबला किया। रोहित और गणेश को चोट भी आई थी। गणेश को ज्यादा चोट आई थी। मारपीट के दौरान ही कटरे के पहली मंजिल पर स्थित अस्पातल का कंपाउंडर शिव मौर्या शोर सुन कर नीचे आ गया। बदमाशों ने ईंट लेकर कंपाउंडर को भी दौड़ा लिया। खून के छिंटे कंपाउंडर के हाथों पर भी पड़े थे। अस्पताल के अंदर पहुंच दरवाजा बंद कर किसी तरह उसे अपनी जान बचाई। अस्पताल के अंदर बाथरूम में जाकर उसने हाथ मुंह धोया। यही वजह थी हत्या के बाद मौके पर पहुंचा डॉग स्क्वायड कई बार अस्पताल के बाथरूम में गया था। शुरूआत में पुलिस घटना को आशनाई से जोड़कर देख रही थी लेकिन बाद में कॉल डिटेल से काफी चीजें स्पष्ट हुई। हत्या के बाद रोहित और गणेश ने एक अस्पातल में इलाज भी कराया। पुलिस ने फिलहाल नारायणपुर के रहने वाले रोहित को गिरफ्तार कर लिया है। गणेश उसके भाई महेश समेत तीन लोग पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े हैं।