रोहनिया। शराबी पति की आए दिन की प्रताड़ना के बाद भी बूड़ापुर निवासी तारा देवी घर का खर्च चलाने के लिए जमकर मेहनत करती थी, मगर शनिवार की रात में पति की पिटाई से वह ऐसी टूटी कि अपने तीन बच्चों के साथ जाकर ट्रेन के आगे लेट गई। चारों की मौके पर ही मौत हो गई। मिल्कीचक रेलवे क्रासिंग पर चारों का शव देखकर लोग हिल गए।
बूड़ापुर का रहने वाला हरिश्चंद्र पटेल खेतीबारी और मजदूरी करता है। शनिवार की रात वह शराब पीकर घर पहुंचा। उसने पत्नी तारा देवी से रविवार को खेत में धनिया बोने के लिए बीज का इंतजाम करने को कहा, मगर उसने धनिया बोने का विरोध किया। इसी बात पर दोनों में कहासुनी हो गई और हरिश्चंद्र पत्नी को पीटने लगा। मां को पिटता देख बच्चे रोने लगे तो उसने बच्चों को भी पीटने की धमकी दी। इसके बाद वह छत पर सोने चला गया। इधर पत्नी अपने तीन बच्चों साधना (13), रोहित (10) और अक्षय (06) के साथ भूतल के कमरे में चली गई। रातभर उसके दिमाग में भूचाल चलता रहा और अंतत: भोर में वह चुपके से तीनों बच्चों संग घर से निकल गई। लगभग चार किलोमीटर पैदल चलकर वह मिल्कीचक रेलवे क्रासिंग के पास पहुंची। वहां खुद तो पटरी पर लेट ही गई, तीनों बच्चों को भी लेटा दिया। कुछ देर पश्चात मुंबई से सिकरौल जा रही डाउन जन साधारण एक्सप्रेस ट्रेन वहां से गुजरी और चारों को मौत की नींद सुला दिया। मौके पर पहुंची पुलिस को रेलवे लाइन पर महिला की क्षतविक्षत लाश मिली, जबकि बच्चों का शव दूर छिटक गया था।
उधर, सुबह जब हरिश्चंद्र उठा तो वह अपने बच्चों और पत्नी को ढूंढने लगा। खोजबीन के बाद भी जब उनका पता नहीं चला तो उसने पत्नी के मायके लमही फोन कर सास कुसुम को बताया कि उसकी बेटी बच्चों संग घर से भाग गई है। इसके बाद सुबह साढ़े सात बजे जब उसे पता चला कि उसकी पत्नी और बच्चों की लाश मिल्कीचक रेलवे क्रासिंग पर मिली है तो उसके होश उड़ गए। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस के समक्ष उसने स्वीकार भी किया कि उसकी पिटाई के चलते ही पत्नी ने सामूहिक आत्महत्या जैसा दर्दनाक कदम उठाया। उधर, घटना की जानकारी मिलने पर मायके से तारा की बहन रागिनी, मां कुसुम और पिता थाने पहुंचे। मायके वालों का भी यही कहना था कि पति शराब पीकर आए दिन तारा को पीटता था। वह बच्चों तक को नहीं छोड़ता था। पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।