वाराणसी। पुलिस कंट्रोल रूम में जनता की शिकायतों को कितनी गंभीरता से लिया जाता है, इसकी बानगी देख स्वयं डीआईजी ए सतीश गणेश भी चौंक गए। पहले तो उन्होंने अनजान बन जौनपुर कंट्रोल रूम में फोन कर दुर्घटना की सूचना दी फिर जब पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया तो उन्होंने अपना परिचय देकर आम लोगों की सूचना को गंभीरता से सुनने और उस पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। यही नहीं, डीआईजी ने जौनपुर के एसपी को इस बाबत पत्र भेजने के साथ ही वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर जिले के एसपी को भी ऐसे मामलों में गंभीरता बरतने को कहा।
डीआईजी ए सतीष गणेश शनिवार को मुख्यमंत्री की बैठक से लौट रहे थे। जब उन्होंने जौनपुर की सीमा में प्रवेश किया तो प्राइवेट कार में सवार हो गए। इस दौरान उन्होंने वहां की पुलिस को टेस्ट करने के लिए कंट्रोल रूम में फोन किया और बताया कि साहब, बदलापुर के आगे इनोवा कार ने बाइक सवार को टक्कर मार दी है। कंट्रोल रूम की कॉलर आईडी पर डीआईजी का सीयूजी नंबर 9454400199 आने के बाद भी आपरेटर समझ नहीं सका। उसने वायरलेस सेट पर सूचना प्रसारित कर दी। बाद में बदलापुर के एक पुलिसकर्मी ने डीआईजी के नंबर पर कॉल कर दुर्घटना की बाबत पूछताछ की। उससे भी डीआईजी ने साहब-साहब कहकर ही बात की। उन्होंने खुद को बुजुर्ग बताया और कहा कि वह घायल व्यक्ति को नहीं उठा सकते, मगर इसके बाद भी जौनपुर से वाराणसी आते वक्त रास्ते में एक भी पुलिसकर्मी ने डीआईजी की इनोवा कार नहीं रोकी।
इधर, अपने आवास पहुंचने पर डीआईजी ने कंट्रोल रूम को फिर फोन मिलाया और अपना परिचय देते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर फटकार भी लगाई। उन्होंने जौनपुर के एसपी को भी इस बारे में जानकारी दी। उनका कहना था कि जब डीआईजी के फोन करने पर कोई समझ नहीं पाता है तो आम आदमी का क्या होगा। उन्होंने वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर जिले के एसपी को भी जनता की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करने और फोन कॉल को गंभीरता से लेने की सलाह दी।