वाराणसी। निदेशक पंचायती राज मुरलीधर दुबे ने रविवार को सर्किट हाउस में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) योजना के तहत चयनित मंडल के जौनपुर और चंदौली जिलों में वर्ष 2011-12 में प्रस्तावित कार्यों की समीक्षा की। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इन दोनों जिलों में बीआरजीएफ से प्रस्तावित करोड़ों रुपये के कार्यों में से अधिकांश अधूरे रह गए हैं। पूरे कराए गए कार्यों के सत्यापन के साथ ही गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए अफसरों को कहा गया है।
श्री दुबे ने बताया कि योजना के तहत गत वर्ष ग्राम पंचायतों में सीसी रोड, सड़क लेपन, स्कूलों में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, बारात घर, पंचायत सचिवालय सहित अन्य कार्य कराने के लिए जौनपुर में 1533.94 लाख रुपये तथा चंदौली में 2053 लाख रुपये दिए गए थे। इसके तहत जौनपुर में जिला पंचायत को 22 कार्य कराने के लिए 323.74 लाख रुपये दिए गए थे। इसमें से 245.05 लाख रुपये खर्च कर 9 कार्य ही पूरे किए गए। इसी तरह क्षेत्र पंचायत को 17 कार्यों के लिए 140.33 लाख रुपये दिए गए थे। इसमें से 35.38 लाख रुपये खर्च कर तीन कार्य ही पूरे किए गए। इसके अलावा ग्राम पंचायतों को 72 कार्यों के लिए 1069.87 लाख रुपये दिए गए। इसमें से 16 कार्य तो वित्तीय वर्ष बीतने के बावजूद शुरू भी नहीं हुए हैं और 56 कार्य प्रगति पर बताए जा रहे हैं।
चंदौली में जिला, क्षेत्र व ग्राम पंचायतों को कुल 339 कार्यों के लिए 2053 लाख रुपये दिए गए थे। इसमें से 309 कार्य पूरे हुए और 30 कार्य अधूरे हैं। उन्होंने बताया कि दोनों जिलों के जिला पंचायत राज और अपर मुख्य अधिकारियों को पूरे हो चुके कार्यों की गुणवत्ता की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। साथ ही अधूरे कार्यों को भी यथाशीघ्र पूरा कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।