{"_id":"63277","slug":"Varanasi-63277-140","type":"story","status":"publish","title_hn":"कहीं खत्म न हो जाए वरुणा का अस्तित्व!","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
सेवापुरी। जिस वरुणा नदी के किनारे पंचक्रोशी मार्ग पर रामेश्वर महादेव की स्थापना कर श्रीराम ने रावण वध के पाप से मुक्ति पाई थी, आज उसी वरुणा के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। काशी की जनता की धार्मिक आस्था से जुड़ी नदी वरुणा पर आदमपुर इलाके के पुराना पुल पर सात फाटक बनाकर उसका प्रवाह रोक दिया गया। यहीं वरुणा का संगम गंगा से होता है किंतु अब इन दोनों पौराणिक महत्व की नदियों का संगम सिंचाई विभाग की इच्छा पर निर्भर है। साथ ही वरुणा का प्रवाह रोक देने से नदी गंदगी के अंबार से पट गई है। ऐसे में स्नान-ध्यान तो दूर, वरुणा का जल आचमन योग्य भी नहीं रह गया है। नदी तट पर रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि वरुणा का प्रवाह रोकने से यह नदी गंदगी से पटती जा रही है। यही हाल रहा तो संभवत: आने वाली पीढि़यां वरुणा के बारे में महज पुस्तकों में ही पढ़ेंगी। ऐसे में स्थानीय लोगों ने वरुणा के अविरल प्रवाह रोकने वाले इन फाटकों को हटाने की मांग की है।
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प्रवाह रोकने से प्रदूषित हो गई वरुणा
वरुणा और गंगा के बीच गेट बना देने से वरुणा दिन-ब-दिन प्रदूषित होती जा रही हैं। इसके चलते गंगा से बड़ी मछलियां वरुणा में नहीं आ पातीं। यह मछलियां अधजले शव समेत तमाम प्रकार के अपशिष्ट खाकर वरुणा को दूषित होने से बचाती थीं पर अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। पानी रोकने का लाभ शहरी मछुआरों को हो रहा है जबकि स्थानीय मछुआरों के समक्ष आजीविका का संकट गहरा गया है।
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नहीं सहेंगे धार्मिक आस्था पर प्रहार
वरुणा के तट पर बसे सत्तनपुर, नेवादा, राखी, ईशरवार, कूड़ी, बलुआ, भिटकुरी, रामेश्वर, कालिकाधाम, कुरूं, बलुआ, सरावां, रसूलपुर, इंदरपुर, जग्गापट्टी समेत दर्जनों गांव निवासी राजबिहारी उपाध्याय, दयाशंकर दूबे, सतीश दीक्षित, पंकज सिंह, शशि सिंह, राजेश यादव, शेष कुमार सिंह, डा. भरत मिश्र, हरिशंकर कनौजिया, अख्तर अली, बेचन, गोविंद कुमार अलगू आदि का कहना है कि रामेश्वर स्थित शिव मंदिर, सरावां स्थित सिद्धपीठ भद्रकाली एवं कालिका बाजार स्थित सिद्धपीठ कालिकाधाम के पद को पखारने वाली वरुणा का प्रवाह सिंचाई विभाग द्वारा फाटक लगाकर रोक दिए जाने को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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वरुणा की अविरलता-निर्मलता पर कलंक है गेट
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष भोला शंकर मिश्र एवं जिला महामंत्री द्वय अजय सिंह मुन्ना एवं प्रेम नारायण पटेल, यूथ कांग्रेस के पूर्व विस क्षेत्र अध्यक्ष प्रीतम शुक्ला, पीस पार्टी के मंडल अध्यक्ष संजय पासवान, राष्ट्रीय अग्रणी दल के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार पांडेय का कहना है कि सिंचाई विभाग ने गेट बनाकर वरुणा की अविरलता एवं निर्मलता नष्ट करने का प्रयास किया है। यह लोगों की धार्मिक आस्था पर चोट है। इसके विरोध में बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। उधर, सिंचाई विभाग का कहना है कि जल संग्रह करने के मकसद से गेट बनवाए गए हैं।
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कोट:
पुराने पुल पर लगे गेट जल संग्रहण के उद्देश्य से लगाए गए हैं। इससे पशु-पक्षियों को पीने का पानी मिलता है। साथ ही नदी तट पर खेती करने वालों के खेत भी इसके जल से सिंचित होते हैं। यदि ग्रामीण विरोध करेंगे तो इन गेटों को खोलने पर विचार किया जाएगा।-केपी सिंह, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग।
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गेट लगाकर वरुणा का प्रवाह महज चंद लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए रोका गया है। समाज की आस्था पर चोट पहुंचाने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। -शिव प्रसाद गिरि, महंत, सिद्धपीठ कालिकाधाम।
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