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प्रधानमंत्री चाहते हैं अंतर मंत्रिमंडलीय समूह का गठन

Varanasi Updated Sun, 20 May 2012 12:00 PM IST
वाराणसी। मां गंगा की अविरलता और निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अंतर मंत्रिमंडलीय समूह का गठन करने के लिए सुझाव दिए हैं। गंगा की अविरलता किस तरह से कायम रखी जा सकती है, इसके लिए आइटियंस की टीम बनेगी जो पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को 31 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

बता दें कि गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए काशी में नौ मार्च से चल रहे साधु-संतों के अभियान से जुड़े लोगों से वार्ता के बाद वरिष्ठ कांग्रेसी राजेशपति त्रिपाठी पिछले दिनों दिल्ली गए। वहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। इसके बाद श्रीमती गांधी ने प्रधानमंत्री से वार्ता कर गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए ठोस कदम उठाने की सलाह दी। अब प्रधानमंत्री ने अंतर मंत्रिमंडलीय समूह का गठन करने का विचार बनाया है। योजना आयोग के सदस्य बीके चतुर्वेदी की अध्यक्षता वाले समूह में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, जल संसाधन, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, सेंट्रल वाटर कमीशन, वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया, आईआईटी रुड़की, उत्तराखंड सरकार, केंद्रीय पर्यावरण एवं प्रदूषण बोर्ड के प्रतिनिधि के साथ राष्ट्रीय गंगा रिवर बेसिन अथारिटी के दो विशेषज्ञों क ो शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को आईटियंस की टीम गठित कर गंगा की अविरलता सुनिश्चित करने के लिए अध्ययन कराने को कहा है। अध्ययन रिपोर्ट 31 दिसंबर तक सौंपी जाएगी। उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड को गंगा को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने को कहा है। बोर्ड ऐसे उद्योगों को नोटिस जारी करने के साथ तात्कालिक दंड भी निर्धारित करेगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने पहले ही पाला मनेरी,भैरोघाटी और लोहारी नाग पाला हाईड्रोलिक प्रोजेक्ट का काम रोक दिया है। गोमुख से उत्तरकाशी तक भागीरथी तक के इलाके को इको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है। आइटियंस की सात सदस्यीय टीम को समग्र गंगा रीवर बेसिन अथारिटी प्रबंधन के लिए योजना बनाने को लगाया गया है। यह टीम गंगा की अविरलता और निर्मलता सुनिश्चित करने पर काम करेगी। इसी कड़ी में आम राय जानने के लिए 17 अप्रैल को दिल्ली में गंगा रीवर बेसिन अथारिटी की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक के बाद ही अंतर मंत्रिमंडलीय समूह के गठन की बात निकली और फिर केंद्र के वरिष्ठ अधिकारियों को शनिवार को बनारस भेजा गया। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि अगले वर्ष महाकुंभ पर देशवासियों को स्वच्छ गंगा की अविरल धारा मिले।
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