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पीएमओ-सानंद की मैराथन वार्ता बेनतीजा

Varanasi Updated Sun, 20 May 2012 12:00 PM IST
वाराणसी। काशी को केंद्र बनाकर 126 दिन से गंगा की अविरलता-निर्मलता के लिए चल रही साधु-संतों की तपस्या को शनिवार की दोपहर एक बार फिर तगड़ा झटका लगा। दिल्ली में 17 अप्रैल को राष्ट्रीय गंगा रीवर बेसिन अथारिटी की बैठक के बाद से कायम संवादहीनता को खत्म कर नए सिरे से बात करने के लिए शनिवार को काशी आए प्रधानमंत्री के दूत। इस वार्ता का मकसद था स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद से वार्ता कर पीएम का संदेश देना और सानंद का संदेश पीएम तक पहुंचाना। इस सिलसिले में पीएम के दो दूत और स्वामी सानंद के बीच बंद कमरे में लगभग सवा घंटे वार्ता भी हुई पर उसका ठोस नतीजा निकला हो ऐसे संकेत नहीं मिले। कारण दोनों में से किसी ने वार्ता के बिंदु पर चुप्पी साध ली।

मजेदार तो यह कि श्री विद्यामठ में हुई इस वार्ता में गंगा सेवा अभियानम के सार्वभौम संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद शामिल नहीं थे। समझा जा रहा है कि उनकी गैरमौजूदगी के कारण दोनों पक्षों में सार्थक नतीजा नहीं निकला। यही कारण रहा कि जब वार्ता के बाद पीएम के दूत कमरे से बाहर निकले तो उनके चेहरे बुझे हुए थे। उधर दूत कमरे से बाहर निकले और सानंद ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया।

मठ से जुड़े लोगों के अनुसार पीएमओ के जनरल सेक्रेटरी शत्रुघ्न सिंह और राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण के संयुक्त सचिव राजीव शर्मा 12.20 पर विद्यामठ में दाखिल हुए। सीडीओ भानु प्रताप गोस्वामी भी उनके साथ थे। मठ की वार्ता के लिए पहले से स्थान तय था लेकिन सानंद ने अपने तंग कमरे में ही अफसरों से मुलाकात की। वार्ता का विवरण जानने के लिए लोग दीवारों, खिड़कियों से कान लगाए रहे। कुछ लोग बार-बार दरवाजे से चिपक रहे थे लेकिन किन बिंदुओं पर चर्चा हुई और क्या निष्कर्ष निकला यह किसी को पता नहीं चल सका। वार्ता के बाद चर्चा रही कि गंगा के मसले पर बातचीत का क्रम चलने की बजाय पीएमओ के अफसर सानंद पर सिर्फ यही दोष देते रहे कि वह 17 अप्रैल की बैठक में क्यों नहीं शामिल हुए। वहीं, स्वामी सानंद तपस्या की वजहें बताकर पीएमओ के अफसरों से अपनी मजबूरियां गिनाते रहे।

इनसेट
दूत ने पूछा, कौन शारदांबा?
वाराणसी। गंगा तपस्या के सिलसिले में पीएम कार्यालय के दो दूत अपनी सीमा रेखा के लिहाज से चल रहे थे। बात खत्म होने के बाद किसी ने कहा कि शारदांबा जी इधर तपस्या कर रही हैं, उनसे मिल लीजिए। इस पर पीएमओ के संयुक्त सचिव शत्रुघ्न सिंह का कहना था कि कौन शारदांबा? इस पर कानाफूसी होने लगी, फिर टीम के सदस्य शारदांबा से मिलने गए। तपस्वियों के लिए पीएम का संदेश क्या है, सानंद को क्या दिलासा दी गई, इस पर दोनों अधिकारियों का कहना था कि वह इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। चौतरफा आपाधापी के बीच वहां पहुंचे अफसरों को शुरू में ही मीडियाकर्मियों ने घेरना चाहा लेकिन कुछ फोटोग्राफरों के कैमरों का फ्लैश चमकने के बाद कमरा बंद हो गया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अफसर सानंद से ही बात करने आए थे।
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