वाराणसी। एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूट्री हेल्थ स्कीम के नाम पर शहर के दो बड़े निजी अस्पतालों ने सेना के साथ धोखाधड़ी की है। एक अस्पातल ने तो एक पूर्व सैनिक को दो हजार की जगह 22 हजार का बिल थमा दिया। दूसरे का भी यही किस्सा है। मामला संज्ञान में आने पर स्टेशन कमांडर ने धोखाधड़ी करने वाले एक अस्पताल को काली सूची में डाल दिया तो दूसरे को चेतावनी दी। एक अन्य अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। अनुबंध वाले दस अस्पतालों के प्रतिनिधियों संग कांफ्रेंस कर स्टेशन कमांडर ने सभी को चेतावनी दी है।
एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूट्री हेल्थ स्कीम के तहत सेना पूर्व सैनिकों का इलाज कराती है। इलाज में आने वाला संपूर्ण खर्च भी सेना ही वहन करती है। इसके लिए सेना ने वाराणसी में दस बड़े आधुनिक सुविधा युक्त निजी अस्पतालों से अनुबंध किया है। वाराणसी छावनी से जुड़े करीब 27 हजार से ज्यादा लोग योजना के तहत इन अस्पतालों में इलाज कराते हैं। विभिन्न रोग से ग्रस्त पूर्व सैनिकों का प्रारंभिक परीक्षण कैंट स्थित सेना के अस्पताल में होता है। फिर रोग की गंभीरता के आधार पर सेना के डॉक्टर मरीज को संबंधित निजी अस्पतालों में रेफ र करते हैं। कुछ दिनों पूर्व गाजीपुर के एक पूर्व सैनिक को लंका स्थित एक निजी अस्पताल रेफर किया गया था। पूर्व सैनिक को डिस्चार्ज करते समय अस्पताल की ओर से 22 हजार का बिल थमाया गया। आर्मी दफ्तर में बिल की जांच की गई तो पता चला कि इलाज का पूरा खर्च दो हजार रुपये ही आया है। दो हजार को बढ़ाकर 22 हजार किया गया है। इसी समय सुंदरपुर स्थित एक निजी अस्पताल की भी यही शिकायत मिली। स्टेशन कमांडर ने लंका स्थित निजी अस्पातल को काली सूची में डाला तथा सुंदरपुर स्थित अस्पताल को चेतावानी दी है। इस प्रकरण में सेना और बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है।