सेवापुरी। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों को मिलने वाली सहायता राशि दलालों की भेंट चढ़ रही है। लाभार्थी को पता ही नहीं होता है और उसके खाते से रुपये निकाल लिए जाते हैं। ऐसा ही हुआ अदमापुर की अमरी देवी देवी के साथ। इंदिरा आवास के लिए उसने पहली किस्त की राशि निकाली थी। दूसरी किस्त की धनराशि निकालने बैंक पहुंची तो पता चला कि रुपये निकल चुके हैं।
अदमापुर गांव की अमरी देवी पति कल्लू सोनकर को इंदिरा आवास के लिए 45 हजार रुपये मिले थे। उसने पहली किस्त 33750 रुपये निकाले थे। इसके बाद बैंक पासबुक को दलाल ने अपने पास रख लिया। इसकी शिकायत अमरी देवी ने बैंक अधिकारियों से की तो बैंक ने उसे दूसरा पासबुक बना दिया। बृहस्पतिवार को अमरी देवी जब काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की शाखा बड़ौदा में दूसरी किस्त निकाले पहुंची तो पता चला खाते से सभी रुपये पहले निकाल लिए गए हैं। इसकी जानकारी होने पर अमरी देवी के होश उड़ गए। उसने इसकी शिकायत ग्राम प्रधान से की। शुक्रवार को ब्लाक पर जाकर अधिकारियों से भी शिकायत की। आरोप लगाया कि पहले पासबुक के आधार पर दूसरी किस्त दलाल ने खुद निकाल लिया है। ग्राम प्रधान सत्यनारायण पटेल का कहना है कि गांव में दलालों के वर्चस्व की वजह से गरीबों का सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे दलालों को गिरफ्तार किया जाए। काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक के प्रबंधक डीके सिंह का कहना है कि अमरी देवी ने दोनों का किस्त बैंक से निकाला है। बिना उसके हस्ताक्षर के रुपये नहीं निकल सकते है। गौरतलब है कि गांवों में दलालों का वर्चस्व इस कदर कायम है कि विधवा पेंशन, इंदिरा आवास योजना, वृद्धा पेंशन आदि योजनाओं में दलाल के बगैर गरीबों को सहायता राशि मिलना मुश्किल हो गया है। सेवापुरी विकासखंड क्षेत्र में गरीबों की सरकारी सहायता राशि दलालों द्वारा खुद लेने और बैंकों से धनराशि निकालने के मामले सामने आए हैं।