वाराणसी। आईआईटी जेईई में 211वीं रैंक हासिल करने वाली जागृति सिंह का कहना है कि माता-पिता की प्रेरणा से वह इंजीनियरिंग क्षेत्र को चयन किया। सासाराम बाल विकास विद्यालय से 94 प्रतिशत अंक से मैट्रिक और माडल स्कूल डेहरी से 93 प्रतिशत अंक से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। पिताजी सासाराम शांति प्रसाद जैन कालेज के प्रबंधन विभाग में लेक्चरर और माता महिला कालेज सासाराम में संस्कृत विभाग में लेक्चरर हैं। दो साल पहले से ही वह इस परीक्षा की तैयारी में जुट गई थी। पहले वह राजस्थान के कोटा स्थित एक कोचिंग संस्थान में तैयारी की, उसके बाद बनारस में दुर्गाकुंड स्थित प्राइम क्लासेस में कोचिंग की। बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया के शिवपुर गांव निवासी जागृति का कहना है कि यदि सही तरीके से तैयारी की जाए तो सफलता जरूर मिलेगी।
वाराणसी। आईआईटी जेईई में 211वीं रैंक हासिल करने वाली जागृति सिंह का कहना है कि माता-पिता की प्रेरणा से वह इंजीनियरिंग क्षेत्र को चयन किया। सासाराम बाल विकास विद्यालय से 94 प्रतिशत अंक से मैट्रिक और माडल स्कूल डेहरी से 93 प्रतिशत अंक से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। पिताजी सासाराम शांति प्रसाद जैन कालेज के प्रबंधन विभाग में लेक्चरर और माता महिला कालेज सासाराम में संस्कृत विभाग में लेक्चरर हैं। दो साल पहले से ही वह इस परीक्षा की तैयारी में जुट गई थी। पहले वह राजस्थान के कोटा स्थित एक कोचिंग संस्थान में तैयारी की, उसके बाद बनारस में दुर्गाकुंड स्थित प्राइम क्लासेस में कोचिंग की। बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया के शिवपुर गांव निवासी जागृति का कहना है कि यदि सही तरीके से तैयारी की जाए तो सफलता जरूर मिलेगी।