वाराणसी। गंगा को संकट से उबारने के लिए काशी में संतों के आंदोलन को धार देने की तैयारी लगभर पूरी हो गई है। 21 मई के महामुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को आसोम के अलावा मध्यप्रदेश के अमरकंटक समेत अलग-अलग इलाके के शीर्ष संतों को बुलावा भेज दिया गया। शुक्रवार को दिन भर साधु-संतों से संपर्क साधने का सिलसिला चलेगा। देर शाम लाली घाट स्थित तपस्यास्थली पर अभियानम की ओर से ताजा स्थिति की समीक्षा की गई। बेनियाबाग के मैदान में प्रस्तावित इस रणनीतिक महासम्मेलन में देश भर के दो सौ से अधिक संगठन शामिल होंगे।
बेनिया के संत सम्मेलन को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारी की गई है। पहली बार गंगा मुक्ति के लिए होने वाले शंखनाद में एक हजार शंखों का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे पहले 19 मई को लंका से वाहन रैली निकाली जाएगी। इस रैली के जरिए अभियानम के कार्यकर्ता शक्ति प्रदर्शन करेंगे। जन-जन को जोड़ने के लिए मंदिरों, मसजिदों से आमंत्रण पत्र का वितरण किया जाएगा। शहर के हर वार्ड से दो-दो गंगा सेवा व्रतियों को चुना जाएगा। समीक्षा बैठक के दौरान ही दर्जन भर से अधिक लोगों ने अपने नाम प्रस्तावित किया। ऐसे गंगा सेवी महासम्मेलन का आमंत्रण वितरित करेंगे। 18 मई से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के जरिए महासंग्राम में भागीदारी का प्रचार आरंभ कर दिया जाएगा। अभियानम के सार्वभौम संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की मौजूदगी में दो दर्जन से अधिक संस्थाओं और बड़ी तादाद में कार्यकर्ताओं ने अपने सुझाव दिए। इस मौके पर सजल श्रीवास्तव, प्रजानाथ शर्मा, उत्तर प्रदेश स्वर्णकार समाज के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण, काशी व्यापार प्रतिनिधिमंडल के राकेश जैन, कौमी एकता दल के अतहर जमाल लारी, सर्व सेवा संघ के रामधीरज, सितार वादक देव व्रत मिश्र, विजया तिवारी, रमेश चोपड़ा, मोहिनी महेंद्रू, वागीशदत्त मिश्र, सोमनाथ ओझा समेत तमाम उपस्थित थे।
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आयोग के सदस्य ने जाना हाल
वाराणसी। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य श्योराज जीवन ने गुरुवार की शाम मंडलीय अस्पताल पहुंचकर तपस्वियों का हाल जाना। वह विद्यामठ
भी गए। वहां उन्होंने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से भेंट की।