वाराणसी। पूर्वांचल के सनसनीखेज गोपू हत्याकांड के प्रमुख आरोपी राजेश कमार सिंह को नौ साल बाद एसटीएफ ने पकड़ लिया है। पकड़े गए आरोपी पर पांच हजार रुपये का था।
बता दें कि संपूर्णांनंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रामपूजन पांडेय के पुत्र सास्वत उर्फ गोपू (06) अप्रैल 2003 में स्कूल से लौट रहा था। बस से उतरने के बाद अपहर्ता उसे बहला फुसलाकर फूलपुर इलाके में लेकर गए थे। उन्होंने मासूम की गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को बोरे में भरकर फूंक दिया था। साथ ही स्कूली बैग पुलिया के नीचे फेंक दिया। घटना के बाद ग्रामीणों ने विरोध किया तो अपहर्ता भाग खड़े हुए। इस मामले में पुलिस ने गोपू के चचेरे भाई सुमित पांडेय, चाची किरन, चाचा शिवपूजन पांडेय, रिश्तेदार शशिकांत चौबे समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा किया था। जांच से पता चला कि घटना को बिहार के अपराधियों ने अंजाम दिया था। इस मामले में एक इनामी आनंद को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया। पुलिस के अनुसार प्रोफेसर के इकलौते पुत्र की हत्या संपत्ति हड़पने के लिए उसके चचेरे भाई ने कराई थी। पुलिस ने इस मामले में नर कंकाल को डीएनए के लिए भेजा था। एक आरोपी रामगढ़ का राजेश सिंह फरार चल रहा था। नौ साल पहले उसके खिलाफ पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उसे एसटीएफ की टीम ने पकड़ लिया है। उससे पूछताछ चल रही है। हालांकि एसटीएफ के अधिकारी गिरफ्तारी से इनकार कर रहे हैं।