वाराणसी। पति-पत्नी में हुए झगड़े की भेंट चढ़ गया दो साल का मासूम हर्ष घर भर का दुलारा था। उसकी मौत के बाद परिजनों को कुछ सुझाई ही नहीं दे रहा। घर वालों को इसका अंदाजा नहीं था कि छोटी सी बात पर किरन इतना बड़ा कदम उठा लेगी। दरअसल पति का साथ ले जाने से इंकार करना उसे इतना अखर गया कि उसने दोनों बच्चों के साथ खुद भी जान देने की ठान ली थी। यही वजह थी कि जिस बच्चे को वह दूध पिला रही थी उसे जहर पिलाते वक्त भी उसके हाथ नहीं कांपे। वह तो गनीमत है कि समय पर उपचार शुरू हो जाने से मां और बेटी बच गए।
मनोज और किरन की शादी छह साल पहले हुई थी। उनके दो बच्चे हुए। दो साल का बेटा हर्ष ही नहीं चार साल की बेटी रिया भी परिवार की चहेती थी। घर वालों के मुताबिक जहर पीने के बाद भी किरन स्वीकार नहीं कर रही थी, लेकिन हालत बिगड़ने पर परिजनों ने भांप लिया। इस घटना के बाद किरन के देवर ने देखा कि बैगन में छिड़कने वाली दवा का डिब्बा खुला पड़ा है। हादसे की जानकारी मिलने के बाद हथौड़ा गांव स्थित किरन के मायके के लोग भी लुेढूपुर स्थित अस्पताल पहुंचे थे।
पूर्व में हुए सामूहिक आत्महत्या के मामले
29 सितंबर 2009
मिर्जामुराद में आर्थिक तंगी के चलते पिता सुरेश राजभर ने पत्नी हीरामनी और छह साल के बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद फांसी पर झूल गया
14 जनवरी 2010
बड़ागंाव थाना क्षेत्र के खरावन में पिता संतोष पटेल ने बेटे जितेंद्र की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली
9 अगस्त 2006
सारनाथ के छांही में किसान छोटेलाल यादव ने पुत्री और दो पुत्रों को जहर देकर मार डाला
वाराणसी। पति-पत्नी में हुए झगड़े की भेंट चढ़ गया दो साल का मासूम हर्ष घर भर का दुलारा था। उसकी मौत के बाद परिजनों को कुछ सुझाई ही नहीं दे रहा। घर वालों को इसका अंदाजा नहीं था कि छोटी सी बात पर किरन इतना बड़ा कदम उठा लेगी। दरअसल पति का साथ ले जाने से इंकार करना उसे इतना अखर गया कि उसने दोनों बच्चों के साथ खुद भी जान देने की ठान ली थी। यही वजह थी कि जिस बच्चे को वह दूध पिला रही थी उसे जहर पिलाते वक्त भी उसके हाथ नहीं कांपे। वह तो गनीमत है कि समय पर उपचार शुरू हो जाने से मां और बेटी बच गए।
मनोज और किरन की शादी छह साल पहले हुई थी। उनके दो बच्चे हुए। दो साल का बेटा हर्ष ही नहीं चार साल की बेटी रिया भी परिवार की चहेती थी। घर वालों के मुताबिक जहर पीने के बाद भी किरन स्वीकार नहीं कर रही थी, लेकिन हालत बिगड़ने पर परिजनों ने भांप लिया। इस घटना के बाद किरन के देवर ने देखा कि बैगन में छिड़कने वाली दवा का डिब्बा खुला पड़ा है। हादसे की जानकारी मिलने के बाद हथौड़ा गांव स्थित किरन के मायके के लोग भी लुेढूपुर स्थित अस्पताल पहुंचे थे।
पूर्व में हुए सामूहिक आत्महत्या के मामले
29 सितंबर 2009
मिर्जामुराद में आर्थिक तंगी के चलते पिता सुरेश राजभर ने पत्नी हीरामनी और छह साल के बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद फांसी पर झूल गया
14 जनवरी 2010
बड़ागंाव थाना क्षेत्र के खरावन में पिता संतोष पटेल ने बेटे जितेंद्र की गला दबाकर हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली
9 अगस्त 2006
सारनाथ के छांही में किसान छोटेलाल यादव ने पुत्री और दो पुत्रों को जहर देकर मार डाला