वाराणसी। गंगा तपस्या में लगातार डाले जा रहे विघ्न से प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ ज्ञानस्वरूप सानंद काफी मर्माहत हैं। निर्विघ्न तपस्या के लिए उन्होंने अब वरिष्ठ वकीलों से मशविरा करने का मन बनाया है। अधिवक्ताओं से वे तपस्या के कानूनी पहलू पर चर्चा करेंगे। ताकि भविष्य में गंगा तपस्या में खलल न पड़े। वकीलों से इस बात पर चर्चा होगी कि तपस्या करना आत्महत्या की कोशिश की धारा के तहत आता है या नहीं।
दरअसल स्वामी सानंद अभी तक जितनी बार भी तपस्या पर बैठे हैं उतनी बार प्रशासन ने विघभन डाला है। अब वे इससे आजिज आ चुके हैं। ऐसे में उनकी निगाहें अब अधिवक्ताअेां पर टिक गई हैं। उनका मानना है कि कानूनी पहलू की सही जानकारी होने पर ही वे निर्विघ्न तपस्या कर सकेंगे। इसके लिए जल्द ही स्वामी सानंद अधिवक्ताओं से विचार-विमर्श करेंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि इस बारे में सानंद ने उनसे मुलाकात की और बताया कि तपस्या में आ रही बाधा से वे परेशान हो गए हैं। अब वे वरिष्ठ अधिवक्ताओं से राय लेंगे ताकि आगे मां गंगा के लिए तपस्या में बाधा न आए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सानंद के विचार से सहमति जताते हुए कहा कि तपस्या का कानूनी पक्ष मालूम हो जाने से वह भी निश्चिंत हो जाएंगे। ताकि आगे जब उनका नंबर आए तो वे शांति से तपस्या कर सकें।