वाराणसी। प्लेटो ने कहा था कि युवकाें को गीत और खेलाें से जोड़ना चाहिए लेकिन मैं कहता हूं कि उन्हें कहानियां से भी जोड़ना चाहिए। शिक्षण में गीतों और कहानियों का बहुत महत्व है। मंगलवार को बीएचयू में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता एवं राष्ट्रीय युवा परियोजना के निदेशक डा. एसएन सुब्बाराव ने यह बातें कहीं।
यूजीसी एकेडमिक स्टाफ कालेज में मंगलवार को 61वें दिशा निर्देशन पाठ्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि डा. सुब्बाराव ने किया। उन्हाेंने गीतों के माध्यम से वैश्विक एकता के प्रसार पर बल दिया। कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियाें का चरित्र ऐसा होना चाहिए जो दूसराें के लिए आदर्श स्थापित करे। मालवीय जी कहते थे कि शिक्षा का व्यवसाय नहीं होना चाहिए। इसीलिए उन्होंने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। डा. सुब्बाराव ने सवाल किया कि शिक्षा का उद्देश्य क्या केवल नौकरी पाना है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से शिक्षक यदि शिक्षा का सही मतलब जान सकेंगे तो इस आयोजन की सफलता होगी। इस 28 दिवसीय पाठ्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयाें एवं कालेजाें के प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। इसमें प्रतिभागियों को शैक्षणिक तकनीक, नवीन शोधकार्य, पर्यावरण एवं इलेक्ट्रानिक अध्ययन सामग्री के बारे में जानकारी दी जाएगी। संचालन डा. एसके तिवारी ने किया।
वाराणसी। प्लेटो ने कहा था कि युवकाें को गीत और खेलाें से जोड़ना चाहिए लेकिन मैं कहता हूं कि उन्हें कहानियां से भी जोड़ना चाहिए। शिक्षण में गीतों और कहानियों का बहुत महत्व है। मंगलवार को बीएचयू में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता एवं राष्ट्रीय युवा परियोजना के निदेशक डा. एसएन सुब्बाराव ने यह बातें कहीं।
यूजीसी एकेडमिक स्टाफ कालेज में मंगलवार को 61वें दिशा निर्देशन पाठ्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि डा. सुब्बाराव ने किया। उन्हाेंने गीतों के माध्यम से वैश्विक एकता के प्रसार पर बल दिया। कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियाें का चरित्र ऐसा होना चाहिए जो दूसराें के लिए आदर्श स्थापित करे। मालवीय जी कहते थे कि शिक्षा का व्यवसाय नहीं होना चाहिए। इसीलिए उन्होंने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। डा. सुब्बाराव ने सवाल किया कि शिक्षा का उद्देश्य क्या केवल नौकरी पाना है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से शिक्षक यदि शिक्षा का सही मतलब जान सकेंगे तो इस आयोजन की सफलता होगी। इस 28 दिवसीय पाठ्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयाें एवं कालेजाें के प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। इसमें प्रतिभागियों को शैक्षणिक तकनीक, नवीन शोधकार्य, पर्यावरण एवं इलेक्ट्रानिक अध्ययन सामग्री के बारे में जानकारी दी जाएगी। संचालन डा. एसके तिवारी ने किया।