वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार की शाम भदोही के पुलिस अधीक्षक के लिए अधीनस्थों ने नियम को ताक पर रख दिया। इस मामले को लेकर मंदिर के कर्मचारी से नोकझोंक भी हुई। ऐसे में मंदिर में कुछ देर के लिए हंगामा हो गया था।
भदोही के पुलिस अधीक्षक सोमवार की शाम मंदिर पहुंचे तो कटघरा बंद था। पूजा की तैयारी करने के बाद पुलिसकर्मी कटघरा हटाने के लिए कर्मचारी संजय चतुर्वेदी पर दबाव बनाने लगे लेकिन कर्मचारी तैयार नहीं हुआ। इस मामले में ज्ञानवापी के एडिशनल एसपी ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बातचीत की। फिर भी बात नहीं बनी। अंत में पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती कटघरा हटा दिया। पुलिस अधीक्षक रुद्राभिषेक कराने के बाद अधीनस्थों के साथ लौट गए। इस बारे में मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस एन त्रिपाठी का कहना था कि कटघरा हटाने का समय सप्तर्षि आरती के बाद शाम साढ़े सात बजे है। महामहिम या किसी वीवीआईपी के आने पर ही समय से पूर्व कटघरा हटाया जा सकता है। एसपी वीवीआईपी की श्रेणी में नहीं आते हैं। कटघरा साढ़े पांच बजे सुबह से सवा ग्यारह तक खुलता है। इसके बाद साढ़े सात बजे तक बंद रहता है। इसके पहले बार कौंसिल आफ इंडिया और एक मंत्री के आने पर भी कटघरा हटाया नहीं गया था।
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार की शाम भदोही के पुलिस अधीक्षक के लिए अधीनस्थों ने नियम को ताक पर रख दिया। इस मामले को लेकर मंदिर के कर्मचारी से नोकझोंक भी हुई। ऐसे में मंदिर में कुछ देर के लिए हंगामा हो गया था।
भदोही के पुलिस अधीक्षक सोमवार की शाम मंदिर पहुंचे तो कटघरा बंद था। पूजा की तैयारी करने के बाद पुलिसकर्मी कटघरा हटाने के लिए कर्मचारी संजय चतुर्वेदी पर दबाव बनाने लगे लेकिन कर्मचारी तैयार नहीं हुआ। इस मामले में ज्ञानवापी के एडिशनल एसपी ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बातचीत की। फिर भी बात नहीं बनी। अंत में पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती कटघरा हटा दिया। पुलिस अधीक्षक रुद्राभिषेक कराने के बाद अधीनस्थों के साथ लौट गए। इस बारे में मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस एन त्रिपाठी का कहना था कि कटघरा हटाने का समय सप्तर्षि आरती के बाद शाम साढ़े सात बजे है। महामहिम या किसी वीवीआईपी के आने पर ही समय से पूर्व कटघरा हटाया जा सकता है। एसपी वीवीआईपी की श्रेणी में नहीं आते हैं। कटघरा साढ़े पांच बजे सुबह से सवा ग्यारह तक खुलता है। इसके बाद साढ़े सात बजे तक बंद रहता है। इसके पहले बार कौंसिल आफ इंडिया और एक मंत्री के आने पर भी कटघरा हटाया नहीं गया था।