वाराणसी। पूर्वोत्तर रेलवे में तैनात रेलकर्मी रमाकांत कन्नौजिया (59) ने सोमवार की भोर में अपने ही घर के सामने खुद को आग लगाकर जान दे दी। रमाकांत की पत्नी ने विभागीय उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए रेल महकमे को कटघरे में खड़ाकर उसे मौत का जिम्मेदार बताया है। सिगरा थाने में दी गई तहरीर में भी इसका जिक्र है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कानपुर जिले के बिल्लौर निवासी रमाकांत कन्नौजिया पूर्वोत्तर रेलवे के दूरसंचार विभाग (डीआरएम कार्यालय) में कार्यरत थे। पत्नी नीता और चार बच्चों संग वह वसुंधरा रेलवे कालोनी में रहते थे। रविवार की रात रमाकांत, पत्नी नीता और बेटी शिकांक्षा (8) एक कमरे में सोए थे। दूसरे कमरे में बेटा आनंद (18), छोटू (10) और बेटी आकांक्षा सोई थी। नीता के मुताबिक भोर में करीब साढ़े तीन बजे उसकी नींद खुली तो रमाकांत बिस्तर पर नहीं थे। उठकर देखा तो दूसरे कमरे और किचन में भी नहीं थे। बाहर उनकी साइकिल खड़ी थी। नीता ने बेटे आनंद से बाहर जाकर देखने को कहा। उनका फ्लैट प्रथम तल पर है। आनंद नीचे उतरा तो देखा कि कालोनी की सड़क पर रमाकांत झुलसी हालत में पड़े थे। वह शोर मचाने लगा। तब नीता भी नीचे उतरी। आसपास के लोग भी जुट गए। आननफानन में रमाकांत को पास के अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सिगरा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। नीता का कहना है कि रमाकांत चार दिन से दफ्तर नहीं जा रहे थे। विभागीय उत्पीड़न की बात कहते थे। रिश्तेदारों को भी इसकी जानकारी थी। उन्होंने मामले की जांच की मांग भी की। सिगरा थानाध्यक्ष सुरेंद्र यादव का कहना है कि रमाकांत के बेटे आनंद ने तहरीर में कहा है कि विभागीय तनाव की वजह से उसके पिता ने जान दी है। मामले की जांच की जा रही है। इस बाबत पूर्वोत्तर रेलवे के पीआरओ अशोक कुमार का कहना है कि यदि कर्मचारी के परिवार वालों ने ऐसा आरोप लगाया है तो इसकी जांच की जाएगी। आरोप सही मिला तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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कर्मचारी संघ ने की कार्रवाई की मांग
वाराणसी (ब्यूरो)। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ वाराणसी मंडल की बैठक सोमवार को मंडल कार्यालय पर हुई। आरोप लगाया गया कि रेल प्रशासन रमाकांत से नियमों के विरुद्ध आवश्यकता से ज्यादा काम ले रहा था। कार्य पूरा न होने पर रमाकांत को प्रताडि़त भी किया जा रहा था। बैठक में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। अध्यक्षता संघ के उपाध्यक्ष एसएस दूबे ने की। रामप्यारे शर्मा, मो. जावेद, अजीम, नौशाद अली, अमरनाथ सिंह, सुभाष यादव, निरंजन, आनंद मिश्रा, तपन कुमार, दिग्विजय नाथ पांडेय मौजूद रहे।
वाराणसी। पूर्वोत्तर रेलवे में तैनात रेलकर्मी रमाकांत कन्नौजिया (59) ने सोमवार की भोर में अपने ही घर के सामने खुद को आग लगाकर जान दे दी। रमाकांत की पत्नी ने विभागीय उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए रेल महकमे को कटघरे में खड़ाकर उसे मौत का जिम्मेदार बताया है। सिगरा थाने में दी गई तहरीर में भी इसका जिक्र है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कानपुर जिले के बिल्लौर निवासी रमाकांत कन्नौजिया पूर्वोत्तर रेलवे के दूरसंचार विभाग (डीआरएम कार्यालय) में कार्यरत थे। पत्नी नीता और चार बच्चों संग वह वसुंधरा रेलवे कालोनी में रहते थे। रविवार की रात रमाकांत, पत्नी नीता और बेटी शिकांक्षा (8) एक कमरे में सोए थे। दूसरे कमरे में बेटा आनंद (18), छोटू (10) और बेटी आकांक्षा सोई थी। नीता के मुताबिक भोर में करीब साढ़े तीन बजे उसकी नींद खुली तो रमाकांत बिस्तर पर नहीं थे। उठकर देखा तो दूसरे कमरे और किचन में भी नहीं थे। बाहर उनकी साइकिल खड़ी थी। नीता ने बेटे आनंद से बाहर जाकर देखने को कहा। उनका फ्लैट प्रथम तल पर है। आनंद नीचे उतरा तो देखा कि कालोनी की सड़क पर रमाकांत झुलसी हालत में पड़े थे। वह शोर मचाने लगा। तब नीता भी नीचे उतरी। आसपास के लोग भी जुट गए। आननफानन में रमाकांत को पास के अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सिगरा पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। नीता का कहना है कि रमाकांत चार दिन से दफ्तर नहीं जा रहे थे। विभागीय उत्पीड़न की बात कहते थे। रिश्तेदारों को भी इसकी जानकारी थी। उन्होंने मामले की जांच की मांग भी की। सिगरा थानाध्यक्ष सुरेंद्र यादव का कहना है कि रमाकांत के बेटे आनंद ने तहरीर में कहा है कि विभागीय तनाव की वजह से उसके पिता ने जान दी है। मामले की जांच की जा रही है। इस बाबत पूर्वोत्तर रेलवे के पीआरओ अशोक कुमार का कहना है कि यदि कर्मचारी के परिवार वालों ने ऐसा आरोप लगाया है तो इसकी जांच की जाएगी। आरोप सही मिला तो संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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कर्मचारी संघ ने की कार्रवाई की मांग
वाराणसी (ब्यूरो)। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ वाराणसी मंडल की बैठक सोमवार को मंडल कार्यालय पर हुई। आरोप लगाया गया कि रेल प्रशासन रमाकांत से नियमों के विरुद्ध आवश्यकता से ज्यादा काम ले रहा था। कार्य पूरा न होने पर रमाकांत को प्रताडि़त भी किया जा रहा था। बैठक में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। अध्यक्षता संघ के उपाध्यक्ष एसएस दूबे ने की। रामप्यारे शर्मा, मो. जावेद, अजीम, नौशाद अली, अमरनाथ सिंह, सुभाष यादव, निरंजन, आनंद मिश्रा, तपन कुमार, दिग्विजय नाथ पांडेय मौजूद रहे।