वाराणसी। जल त्याग कर गंगा तपस्या कर रहे कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती स्वामी सानंद को हृदयाघात का खतरा बरकरार है। चिकित्सकीय जांच में शनिवार को इसकी आशंका जताई गई। उनके स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए शनिवार को प्रशासन ने उन्हें फोर्स फीडिंग कराई। उधर, गंगा तपस्या में लगातार आ रही बाधा को देखते हुए स्वामी सानंद ने से सिर्फ शाम को पांच से छह बजे तक ही लोगों से मिलने का फैसला किया है। मीडिया से बातचीत में स्वामी सानंद प्रशासन के रवैए से क्षुब्ध दिखे। कहा कि मां गंगा के लिए सही तरीके से तपस्या तक नहीं करने दी जा रही है। विघभन पर विघभन डाले जा रहे हैं।
अस्पताल में स्वामी सानंद और गंगा प्रेमी भिक्षु की तपस्या शनिवार को भी जारी रही। दोनों ही संतों के स्वास्थ्य जांच की गई। स्वामी सानंद की जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि पहले की ही तरह इस्टीमिक हार्ट डिजीज वाली स्थिति मौजूद है। इसको देखते हुए हार्ट अटैक की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. डीबी सिंह के मुताबिक जांच में सानंद की ईसीजी, यूरिन और ब्लड सामान्य मिले। लेकिन दिल संबंधी परेशानी बनी हुई है। यह आगे खतरे का संकेत है। बताया कि अधिक उम्र, वजन कम होना, पानी की कमी और तनाव से स्थिति पैदा हुई। दूसरी, तपस्या में लगातार आ रही बाधा से स्वामी सानंद परेशान हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को भेजे पत्र में उन्हेंने लिखा है कि एक तो वह सरकार के उपेक्षात्मक रवैये से परेशान हैं। ऊपर से अस्पताल में आने वालों से तपस्या मे विघभन पड़ रहा है। लिहाजा वह आग्रह करते हैं कि उनसे जिसे भी मिलना हो वह शाम पांच से छह बजे के बीच ही मिले। शाम पांच बजे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अस्पताल पहुंचे और सानंद तथा भिक्षु का हालचाल पूछा। उन्होंने कहा कि तपस्थल पर चिकित्सकों ने न तो ब्रह्मचारी कृष्ण प्रियानंद की जांच की और न ही देवी पूर्णांबा की। जबकि कोई अधिकारी भी तपस्यारत संतों का हालचाल लेने पहुंचा।
हेल्थ बुलेटिन
स्वामी सानंद
बीपी-120-70
पल्स रेट-74
वजन-47
गंगा प्रेमी भिक्षु
बीपी-104-66
पल्स रेट-64
वजन-35.50
वाराणसी। जल त्याग कर गंगा तपस्या कर रहे कबीरचौरा अस्पताल में भर्ती स्वामी सानंद को हृदयाघात का खतरा बरकरार है। चिकित्सकीय जांच में शनिवार को इसकी आशंका जताई गई। उनके स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए शनिवार को प्रशासन ने उन्हें फोर्स फीडिंग कराई। उधर, गंगा तपस्या में लगातार आ रही बाधा को देखते हुए स्वामी सानंद ने से सिर्फ शाम को पांच से छह बजे तक ही लोगों से मिलने का फैसला किया है। मीडिया से बातचीत में स्वामी सानंद प्रशासन के रवैए से क्षुब्ध दिखे। कहा कि मां गंगा के लिए सही तरीके से तपस्या तक नहीं करने दी जा रही है। विघभन पर विघभन डाले जा रहे हैं।
अस्पताल में स्वामी सानंद और गंगा प्रेमी भिक्षु की तपस्या शनिवार को भी जारी रही। दोनों ही संतों के स्वास्थ्य जांच की गई। स्वामी सानंद की जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि पहले की ही तरह इस्टीमिक हार्ट डिजीज वाली स्थिति मौजूद है। इसको देखते हुए हार्ट अटैक की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. डीबी सिंह के मुताबिक जांच में सानंद की ईसीजी, यूरिन और ब्लड सामान्य मिले। लेकिन दिल संबंधी परेशानी बनी हुई है। यह आगे खतरे का संकेत है। बताया कि अधिक उम्र, वजन कम होना, पानी की कमी और तनाव से स्थिति पैदा हुई। दूसरी, तपस्या में लगातार आ रही बाधा से स्वामी सानंद परेशान हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को भेजे पत्र में उन्हेंने लिखा है कि एक तो वह सरकार के उपेक्षात्मक रवैये से परेशान हैं। ऊपर से अस्पताल में आने वालों से तपस्या मे विघभन पड़ रहा है। लिहाजा वह आग्रह करते हैं कि उनसे जिसे भी मिलना हो वह शाम पांच से छह बजे के बीच ही मिले। शाम पांच बजे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अस्पताल पहुंचे और सानंद तथा भिक्षु का हालचाल पूछा। उन्होंने कहा कि तपस्थल पर चिकित्सकों ने न तो ब्रह्मचारी कृष्ण प्रियानंद की जांच की और न ही देवी पूर्णांबा की। जबकि कोई अधिकारी भी तपस्यारत संतों का हालचाल लेने पहुंचा।
हेल्थ बुलेटिन
स्वामी सानंद
बीपी-120-70
पल्स रेट-74
वजन-47
गंगा प्रेमी भिक्षु
बीपी-104-66
पल्स रेट-64
वजन-35.50